संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की रिपोर्ट में म्यांमार (myanmar) में साल 2011 से रोहिंग्या (rohingya) समुदाय के खिलाफ हिंसा में अपनी एजेंसी के संचालन पर असंतुष्टि जाहिर की है। रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर त्रुटियों को अंजाम दिया गया है और अवसरों को गंवाया गया है। एक सामन्य एक्शन प्लान की बजाये खंडित रणनीति का पालन किया है।
यूएन के अधिकारीयों में मतभेद
सोमवार को महासचिव को एक समीक्षा रिपोर्ट गर्ट रोसेंथल ने दी थी जो गुएतमाला के पूर्व विदेश मंत्री थी। इस समीक्षा में बताया गया था कि एक संस्थान के तौर पर कैसे जमीन पर काम करता है और भविष्य के लिए संभावित सीख सीखता है। इस रिपोर्ट में गंभीर विश्लेषणों को बताया गया था। इसके मुताबिक, उच्च स्तर के संघठन के बावजूद वहां कोई सामान्य रणनीति नहीं है।
यूएन के महासचिव के खुद के शामिल होने और सबसे वरिष्ठ अधिकारीयों के कार्य के बावजूद यूएन की प्रणाली क्षेत्र में मानवधिकार के नकारात्मक ट्रेंड को रोकने और अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक ट्रेंड को फ़ैलाने में विफल साबित हुई है। इसमें लगता है जैसे सभी की समझ अलग है और गंभीर त्रुटियों पर बगैर सवाल किये उसे अंजाम दिया गया और अवसरों को गंवाया गया है। एक सामन्य एक्शन प्लान की बजाये खंडित रणनीति का पालन किया है।
यह संस्थाओं और व्यक्तियों की जिम्मेदारियों का भान करने के लिए है क्योंकि वह अपनी कार्रवाई के उत्तरदायी है लेकिन सलाहकार यह छाप छोड़कर गया है कि सारी जिम्मेदारी चार्टेड कलेक्टर की है और आसान भाषा में कहे तो यह यूएन की व्यवस्थिक तरीके से हार है।
रिपोर्ट में कुछ यूएन एजेंसियों और व्यक्तियों के बीच प्रतिद्वंदी रणनीतियों के प्रभाव को भी जोर देकर कहा गया है जबकि वह रोहिंग्या संकट से डील कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बिंदु कि म्यांमार में डील करने के लिए परस्पर विरोधी दृष्टिकोण को अपनाया जा रहा है और रखाइन में हालात और बदतर होते जा रहे हैं।
रणनीतियों के मुकाबले के लिए सामान्य मैदान की चाह रखने की बजाये वह व्यक्तिगत और संस्थागत विभिन्न नजरिये को अपना रहे हैं। अधिकारीयों और स्टाफ में मतभेदों को देखा जा सकता है। गैर सरकारी संघठन के होने के बावजूद मानवाधिकार उल्लंघन तेज़ी से बढ़ रहा है साल 2017 में तबाही परिणामो के साथ यह चरम पर पंहुच गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार अधिकारीयों और कर्मचारियों में ध्रुवीकरण देखा जा सकता है। भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के साथ जमीन पर भयावह वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। समीक्षा के बावजूद अधिकतर बहुमत में अधिकारी और स्टाफ यूएन के सिद्धांतो और मूल्यों पर प्रतिबद्ध है और इस पर यकीन करते हैं। वह संघठन के सर्वश्रेष्ठ हितो के लिए कार्य कर रहे हैं।