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    म्यांमार रोहिंग्या अमेरिका

    अमेरिका ने म्यांमार को रोहिंग्या मुसलमानों पर किए गए अत्याचार के लिए दोषी ठहराते हुए कड़ी निंदा की है। ट्रम्प प्रशासन ने रोहिंग्या लोगों पर अत्याचार व मानव अधिकारों के दुरूपयोग के लिए म्यांमार के एक शीर्ष जनरल की भूमिका बताई है। म्यांमार के इस शीर्ष जनरल को ब्लैकलिस्ट करके इसकी कड़ी निंदा की है।

    अमेरिका ने म्यांमार के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने के बाद रोहिंग्या मामले को लेकर कड़ा रूख अपना रखा है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या पर हुए अत्याचारों को जातीय सफाई कहने के बाद अमेरिका की यह अब तक की सबसे बड़ी प्रतिक्रिया है।

    दरअसल गुरूवार को अमेरिका ने दुनिया भर में 13 लोगों के खिलाफ दंड की घोषणा की। जिसमें जाम्बिया के पूर्व राष्ट्रपति, उज़्बेकिस्तान के पूर्व तानाशाह की बेटी और रूस के अभियोजक जनरल के बेटे शामिल थे। इसमें म्यांमार सेना के शीर्ष जनरल मोंग मोंग सोई को शामिल करना भी अमेरिका का सख्त कदम माना जा रहा है।

    अमेरिका ने साल 2012 से अपनी विदेश नीति के तहत म्यांमार के खिलाफ आर्थिक व राजनैतिक प्रतिबंधों को ढीला कर दिया है। म्यांमार पर दशकों से सैन्य शासन होने के बाद नए लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा था।

    लेकिन अगस्त माह में रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए व्यापक अत्याचार के बाद अमेरिका सहित कई देशों के रिश्ते म्यांमार के साथ खटाई में पड़ गए है। लाखों की संख्या में लोगों को देश छोड़कर बांग्लादेश में रहना पड़ रहा है।

    म्यांमार व अमेरिका के रिश्तों में हो सकता है तनाव

    अमेरिका ने गुरूवार को रोहिंग्या पर हुई हिंसा के लिए म्यांमार सेना के तत्कालीन शीर्ष कमांडर मोंग मोंग सोई को दोषी माना है। अमेरिका ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर हिंसा व व्यापक मानव अधिकारों के दुरुपयोग के लिए ये शीर्ष कमांडर जिम्मेदार है।

    साथ ही विश्वसनीय सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि अभी भी रोहिंग्या के गांवो को जलाया जा रहा है और लोगों पर अत्याचार किए जा रहे है।

    अमेरिका के विदेश मंत्री ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका रोहिंग्या लोगों पर हुए अत्याचारों व दोषी अधिकारियों पर प्रतिबंधों के लिए जांच कर रहा है। ट्रम्प प्रशासन के म्यांमार सेना जनरल को दोषी ठहराने के बाद आशंका है कि म्यांमार व अमेरिका के बीच में तनाव पैदा हो सकता है।