Mon. Nov 18th, 2024
    म्यांमार नेता चीन यात्रा

    रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर किए गए अत्याचार को लेकर म्यांमार सरकार इन दिनों वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना कर रही है। खासकर म्यांमार सरकार को पश्चिमी देशों का अधिक दबाव झेलना पड़ रहा है।

    पश्चिमी देशों का मानना है कि म्यांमार में सेना की तरफ से रोहिंग्या पर काफी अत्याचार किए गए। पश्चिमी देशों द्वारा करीब 6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों रहने का दोषी भी म्यांमार सेना व सरकार पर लगाया जा रहा है। पश्चिमी देशों के विरोध के सामने एकमात्र चीन ने म्यांमार का साथ दिया है।

    अब खबर आ रही है कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की जल्द ही चीन यात्रा पर जा सकती है। रोहिंग्या मामले पर पश्चिमी देशों के दबाव में सू की चीन की यात्रा पर जाकर समर्थन हासिल को मजबूत करने की कोशिश करेगी।

    गौरतलब है कि शुक्रवार को म्यांमार सेना प्रमुख मिन आंग हलांग ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बीजिंग में मुलाकात की थी। तब भी चीन ने अपना समर्थन म्यांमार को दिया था।

    इससे पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी रोहिंग्या संकट के मद्देनजर म्यांमार पहुंचे थे और इसके निपटारे को लेकर चर्चा की थी।

    आंग सान सू की चाहती है चीन का समर्थन कायम रहे

    सेना प्रमुख के चीन जाने के बाद अब म्यांमार की नेता आंग सान सू की भी चीन की यात्रा पर जाने वाली है। एक वेबसाइट के मुताबिक नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की चीन के कम्युनिस्ट पार्टी व विश्व राजनीतिक नेताओं की मेजबानी में भाग लेने के लिए जल्द ही जाने वाली है।

    वहीं चीन की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने बताया कि संभावित बैठक गुरूवार को शुरू हो सकती है जो कि 3 दिसंबर तक चलेगी। आंग सान सू की अच्छी तरह से जानती है कि वैश्विक आलोचनाओं के बीच चीन से ही उन्हें मदद व समर्थन मिल सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी रोहिंग्या संकट के प्रस्ताव पर चीन ने रोककर म्यांमार का समर्थन किया था।

    पोप फ्रांसिस भी म्यांमार दौरे पर

    गौरतलब है कि वेटिकन सिटी से पोप फ्रांसिस भी म्यांमार दौरे पर निकले है। वे इस दौरान रोहिंग्या मुद्दे को लेकर म्यांमार के राष्ट्रपति व आंग सान सू की से मुलाकात करेंगे।

    बौद्ध बहुमत वाले म्यांमार देश में ईसाई धर्म के प्रमुख पोप का आना प्रमुख चर्चा पर है। इसके बाद पोप फ्रांसिस बांग्लादेश की यात्रा पर भी जाएंगे।