Sat. Nov 23rd, 2024
    रोहिंग्या मुस्लिम भारत

    आज यानी गुरुवार को भारत से 7 रोहिंग्या मुसलमानों का एक समूह म्यांमार के लिए रवाना होगा। ये लोग वर्तमान में भारत के असम राज्य में गैर कानूनी रूप से रह रहे थे।

    जाहिर है यह पहली बार है जब भारतीय सरकार नें रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने का फैसला किया है।

    सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ इन लोगों को मणिपुर से लगती म्यांमार की सीमा तक पहुँचाया जाएगा, जहाँ से म्यांमार के अधिकारी उन्हें आगे लेकर जायेंगे।

    ये लोग साल 2012 से असं के सिलचर में एक सहायता केंद्र में रह रहे थे।

    सूत्रों नें यह भी बताया कि इन सभी लोगों के बारे में भारत की ओर से म्यांमार को पहले ही बता दिया गया था। इस दौरान म्यांमार में इनकी पहचान की पुष्टि की गयी एवं इनका पता भी मालूम किया गया। म्यांमार के अधिकारीयों नें इन लोगों के राखिने नामक राज्य से सम्बन्ध होने की पुष्टि की है।

    इससे पहले आपको बता दें कि पिछले साल भारत सरकार नें संसद में कहा था कि इस समय देश में लगभग 14,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के रूप में रह रहे हैं, वहीँ लगभग 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम अवैध रूप से रह रहे हैं।

    संयुक्त राष्ट्र नें उठाये सवाल

    भारत सरकार के इस फैसले पर संयुक्त राष्ट्र नें आपत्ति जताई है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष अधिकारी नें भारत के इस फैसले को अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।

    युएन के विशेष रिपोर्टर तेंदाई अचियम नें बताया, “इन लोगों की पीड़ा को जानते हुए भी यह फैसला लेना, इन लोगों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।”

    उन्होनें आगे कहा, “भारतीय सरकार की यह जिम्मेदारी है, कि वह इन लोगों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इनकी रक्षा करे एवं इन्हें सुरक्षित रखे।”

    आपको बता दें कि 1951 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों नें एक समझौता किया था, जिसमें सभी सदस्य देशों नें शरणार्थियों को देश में रखने की बात कही थी। भारत उस समय इस समझौते का हिस्सा नहीं था।

    इसके बावजूद भारत में इस समय लाखों की तादाद में शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें तिब्बत, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देशों से आये शरणार्थी शामिल हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *