रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए मलेशिया ने शरणार्थियों को अपने देश में रहने की इजाजत दे दी है।
म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे हमलों की वजह से लाखों मुस्लिम देश छोड़े को मजबूर हो गए। इनमे से एक बड़ी संख्या में लोगों ने बांग्लादेश में रहने का फैसला किया है। बांग्लादेश के अलावा कई शरणार्थी भारत में भी अवैध रूप से रह रहे हैं।
म्यांमार में पिछले महीने की 25 तारीख को रोहिंग्या मुस्लिमों के एक समूह ने म्यांमार की सेना पर धावा बोल दिया था। इसके बाद सेना और लोगों में हुई झड़प में लगभग 400 रोहिंग्या मुस्लिमों को मार दिया गया था। इसके बाद हज़ारों की संख्या में लोगों ने देश छोड़ना शुरू कर दिया था।
मलेशिया के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें उन्हें खाना, रहना और बाकी की जरूरत की चीज़ें उपपलब्ध करनी होंगी। बहुत जल्द मालिया में हज़ारों शरणार्थी आकर रह सकते हैं।’ मलेशिया की आबादी में से बड़ी मात्रा में मुस्लिम मौजूद हैं। ऐसे में सरकार ने फैसला किया है जब तक रोहिंग्या मुस्लिमों के भविष्य का फैसला नहीं होता है, तब तक वे मलेशिया में रह सकता हैं।
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म्यांमार के बाद थाईलैंड भी रोहिंग्या मुस्लिमों को शरण दे सकता है। थाईलैंड में इस विषय पर चर्चा जारी है। संयुक्त राष्ट्र भी इन मुस्लिमों की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
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मलेशिया में अब तक लगभग 60000 रोहिंग्या मुस्लिमों ने रहने के लिए अर्जी दी है। जल्द ही मलेशिया संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर इन सबके लिए रहने की सुविधा प्रदान करेगा।