पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की पहुंच अब रोहिंग्या मुसलमान तक हो रही है। रोहिंग्या को लश्कर-ए-तैयबा की धर्मार्थ शाखा फलाह-ए-इंसानियत आर्थिक मदद भी पहुंचा रही है। फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन ने म्यांमार के रखाइन प्रांत के सैकडों शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों को लाखों रूपए बांटे है और उन्हें कंबल वितरित किए है।
आतंकी संगठन का ये फाउंडेशन परेशान रोहिंग्या की मदद करने का दावा कर रहा है। बांग्लादेश की खुफिया जानकारी के मुताबिक यह संगठन स्थानीय इस्लामवादी समूहों की मदद से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार स्थित शरणार्थी शिविरों में काम कर रहा है।
लश्कर व रोहिंग्या के हितों के लिए कथित रूप से लड़ने वाला अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के बीच में संबंध तो साल 2012 से ही है। हाफिज सईद ने जिहादी कमांडर अब्दुल क्यूडोस बर्मी के साथ मंच भी साझा किया हुआ है।
फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के विदेशी संचालन के प्रमुख शाहिद महमूद ने एक ऑनलाइन बयान में कहा कि संगठन द्वारा उठाए गए एक राहत भरा कदम बहुत ही खतरनाक स्थितियों में रखाइन प्रांत में प्रवेश करने में सफल रहा था। संगठन के प्रमुख ने दावा किया है कि वो म्यांमार के सभी क्षेत्रों में रोहिंग्या के लिए राहत पहुंचाने का इरादा रखता है।
रोहिंग्या मुसलमानों दिया जा रहा है लालच
जानकारी के अनुसार बताया गया कि पहले तो म्यांमार में रोहिंग्या की हिंसा को उकसाने वाला संगठन अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी उन्हें लालच दे रहा था। अब इसकी मदद के लिए पाकिस्तान के आतंकी सगंठन लश्कर-ए-तैयबा की धर्मार्थ शाखा फलाह-ए-इंसानियत भी यहां पहुंच रही है।
आशंका जताई जा रही है कि ये दोनों मिलकर रोहिंग्या मुसलमानों को हिंसा व आंतकी गतिविधियों के लिए भड़का सकते है। गौरतलब है कि म्यांमार की सेना ने भी कहा है कि रखाइन प्रांत में रोहिंग्या लोगों को शुरूआत में हिंसा भड़काने में अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी का हाथ था, जिसका संबंध पाकिस्तान से है।
पाकिस्तान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा रोहिंग्या को वित्तपोषण कर रहा है ताकि उन्हें झांसे में फंसाकर आतंकी गतिविधियों में धकेल दिया जाए।