फिलीपीन्स में चल रहे आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की से मुलाकात की। इस दौरान एंटोनियो ने म्यांमार की नेता से रोहिंग्या संकट को लेकर बातचीत की। ( पूरी जानकारी : रोहिंग्या मुस्लिम कौन हैं? )
साथ ही आंग सान सू की से अनुरोध किया कि वो बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों मे रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को अपने देश वापस बुलाने की अनुमति दे। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार पर रोहिंग्या मुद्दे को लेकर दबाव बनाने की कोशिश की।
वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन भी मंगलवार को आंग सान सू की से रोहिंग्या मुद्दे को लेकर बातचीत करेंगे। इसके बाद टिलरसन के यहां से सीधे ही म्यांमार जाने की योजना है। गौरतलब है कि टिलरसन रोहिंग्या मुद्दे पर म्यांमार सरकार से बातचीत करने व वहां की स्थिति को जानने के लिए दौरा करेंगे।
बांग्लादेश शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर है रोहिंग्या
संयुक्त राष्ट्र ने बयान जारी करके कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार की नेता से रोहिंग्या संकट पर चर्चा की। महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि रोहिंग्या मुसलमानों पर अभी भी किए जा रहे अत्याचारों को तत्काल रोके।
साथ ही बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या समुदाय के लोगों की वापसी की स्थिति सुनिश्चित की जाए और वहां के रोहिंग्या समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने के बारे में भी कहा गया।
गौरतलब है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में सेना की तरफ से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान चलाया गया। रोहिंग्या मुसलमानों के साथ अत्याचार किए गए जिसकी वजह से करीब 6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को अपना देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।
ये लोग अभी बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर है। वहीं अभी भी म्यांमार में रोहिंग्या पर किया जा रहा अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोहिंग्या का मुद्दा पूरी दुनिया में छाया हुआ है।