Thu. Dec 19th, 2024
    रोहिंग्या शरणार्थी

    बांग्लादेश सरकार के साथ हुए समझौते के तहत भारत ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए चौथी स्तर की राहत सामग्री पंहुचा दी है। भारत 24 दिसम्बर को कॉक्स बाज़ार में सर्दी की राहत सामग्री भेजेगा। पहली बार भारत द्वारा भेजी गयी राहत सामग्री को न सिर्फ शर्णार्थियो में बांटा जायेगा बल्कि स्थानीय जनता को भी दिया जायेगा।

    भारत की राहत सामग्री

    भारत के उच्चायोग द्वारा दी जाने वाली सामग्री में 225000 कम्बल, 200000 गर्म स्वेटर, और 500 सोलर लाइट शामिल है।

    भारत के इस कदम की सराहना की जा रही है लेकिन बांग्लादेश चाहता है कि भारत रोहिंग्या शरणार्थियों पर आये संकट के निवारण के लिए अधिक कार्य करे।

    बंगलादेशी पीएम की राय

    बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा कि भारत और चीन म्यांमार का समर्थन कर रहे हैं, अगर भारत थोडा अधिक सहयोग करे तो हम इस समस्या का निवारण कर लेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने म्यांमार से रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए बेहतर हालात तैयार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री को सभी देशों के साथ हुए समझौते को देखने के लिए भेजा है। ताकि रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने के लिए म्यांमार पर दबाव बनाया जा सके।

    चरमपंथी भी शामिल

    भारत अभी म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए 250 इकाई घरों का निर्माण करवा रहा है, अधिकारी निरंतर म्यांमार पर दबाव बनाये हुए हैं। भारत ने यहाँ आये सात रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार के सुपुर्द कर दिया था। ढाका के सूत्रों के मुताबिक कई रोहिंग्या शरणार्थी चरमपंथी है और एआरएसए से जुड़े हुए हैं। ऐसे शरणार्थियों ने बायोमेट्रिक  जानकारी देने से इनकार कर दिया था।

    बांग्लादेश में इतनी विशाल संख्या में शरणार्थियों के कारण स्थानीय जनता पर दबाव बढ़ रहा है, कई शरणार्थी तो कम आय पर स्थानीय दुकानों पर कार्य करने को तैयार है। इस स्थिति से भविष्य में सरकार पर दबाव बन सकता है। शरणार्थियों का समर्थन कर, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी है। बांग्लादेश की भी ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

    ख़बरों के मुताबिक बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों को विस्थापित करने के लिए कैद गृह जैसे शिविरों का निर्माण किया जा रहा है। बांग्लादेश में यह निर्माण कार्य गोपनीय तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *