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    बांग्लादेश प्रधानमंत्री

    बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का कहना है रोहिंग्या शरणार्थियों की कॉक्स बाजार में रहने से बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक दबाव बढ़ गया है। ढाका में नव-नियुक्त स्वीडन की राजदूत कार्लोट सिल्टर से पीएम शेख हसीना ने शिष्टाचार भेंट की जिसके बाद बयान दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मोहम्मद नजीबुर रहमान उपस्थित थे।

    पीएम शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शरणार्थियों की बढ़ती संख्या से बांग्लादेश के ऊपर व्यापक सामाजिक-आर्थिक, पर्यावरण और जनसांख्यिकीय दबाव उत्पन्न हो रहा है। स्वीडन की राजदूत से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री की प्रेस सचिव इहसानुल करीम ने संवाददताओं को जानकारी दी।

    उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार एक द्वीप का निर्माण व विकास करेगी ताकि रोहिंग्या लोगों को अस्थायी आश्रय मिल सके। वहीं स्वीडन की राजदूत सिल्टर ने रोहिंग्या मुद्दे पर बांग्लादेश को अपन देश का समर्थन देने का विश्वास दिलाया।

    म्यांमार व बांग्लादेश के बीच हुआ समझौता

    प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या संकट के संबंध में स्वीडन के राजनीतिक और मानवीय आधार पर मजबूत भूमिका की सराहना की। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सरकार की उल्लेखनीय उपलब्धियों को उजागर भी किया।

    गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के ऊपर दमनात्मक कार्रवाई की थी जिस वजह से इन्हें रखाइन प्रांत को मजबूरन छोड़कर बांग्लादेश मे शरण लेनी पड़ी थी। अब रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में रहने को मजबूर है।

    हालांकि बांग्लादेश व म्यांमार के बीच में रोहिंग्या की सुरक्षित घर वापसी को लेकर समझौता हो चुका है। जिसके तहत जल्द ही रोहिंग्या मुस्लिम अब अपने घर वापस से जा सकेंगे।