Sat. May 11th, 2024
    म्यांमार बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थी

    बांग्लादेशम्यांमार के बीच में रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी को लेकर हुए समझौते पर मानवाधिकार वॉच ने सवाल उठाए है। मानवाधिकार वॉच ने आज दोनों सरकारों को पत्र लिखकर कहा है कि रोहिंग्या की घर वापसी म्यांमार में स्थिति सामान्य होने से पहले ही हो रही है।

    23 जनवरी 2018 से रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी की जो समय सारिणी बनाई है वो असंभव है। रोहिंग्या की सुरक्षित और स्वैच्छिक घर वापसी के लिए जो समझौता हुआ है वो खराब व महत्वहीन है।

    रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी के लिए मदद करने वाले अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं ने बांग्लादेश व म्यांमार से मांग की है कि ये दोनों देश शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के साथ नया त्रिपक्षीय समझौता तैयार करे।

    म्यांमार व बांग्लादेश को यूएनएचसीआर के साथ ऐसा समझौता तैयार करने के लिए आमंत्रित किया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों की पालना सुनिश्चित हो।

    मानवाधिकार वॉच ने 200 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों का साक्षात्कार लिया है जिसमें उनसे म्यांमार घर वापसी को लेकर बातचीत की गई। इस दौरान रोहिंग्या मुसलमानों ने अंततः घर वापसी की इच्छा तो जताई है लेकिन साथ में आशंका भी व्यक्त की है।

    रोहिंग्या लोगों को लग रहा है कि म्यांमार में निकट भविष्य में लौटने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। रोहिंग्या तभी वापसी करना चाहते है जब म्यांमार में उनकी सुरक्षा, भूमि और आजीविका सुनिश्चित हो सके।

    अंतरराष्ट्रीय कानून की भी हो पालना

    जानकारी के अनुसार म्यांमार सेना अभी भी रोहिंग्या लोगों के साथ गलत व्यवहार कर रही है। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा देने की झूठी बात कही जा रही है। मानवाधिकार वॉच के शरणार्थी अधिकार निदेशक बिल फ्रेलिक ने कहा है कि रोहिंग्या को स्वेच्छा, सुरक्षा और गरिमा से लौटने की अनुमति दी जाती है।

    मानवाधिकार वॉच ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सुरक्षा व गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए म्यांमार में रोहिंग्या की घर वापसी तभी हो सकती है जब वहां पर रोहिंग्या के लिए स्थिति उचित हो।

    दोनों देशों के बीच में किया गया समझौता सिर्फ म्यांमार की प्रतिबद्धता को दिखाता है कि उसने बांग्लादेश में म्यांमार निवासियों को पलायन से वापस बुलाने के लिए कदम उठाए है। समझौते में म्यांमार के मुताबिक यूएनएचसीआर की सेवाओं की आवश्यकता के अनुसार और उचित समय पर लिया जाएगा।

    जबकि बांग्लादेश तुरंत रूप से यूएनएचसीआर से सुरक्षित और स्वैच्छिक रिटर्न हासिल करने के लिए मदद लेगा। मानवाधिकार वॉच ने म्यांमार भूमि पर अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण की आवश्यकता जताई है। साथ ही शरणार्थियों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है।