एचसीएल टेक्नॉलोजी की वाइस चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा का कहना है कि पर्यावरण के गिरते स्तर का सीधा प्रभाव लोगों पर पड़ रहा है और इसका जीता जागता उदाहरण दिल्ली की वायु गुणवत्ता है। मल्होत्रा 930 करोड़ डॉलर के संगठन का हिस्सा होने के साथ ही द हेबिटेस्ट ट्रस्ट की संस्थापक और ट्रस्टी भी हैं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “हमें तत्काल हमारे बचे हुए जंगलों और हरे आवरण वाले वेटलैंड को बचाने की जरूरत है, क्योंकि यही हमारे हवा को सांस लेने लायक बनाते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “130 करोड़ लोगों की जनसंख्या और पानी की सुविधा उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने जैसे मुद्दों के आगे पर्यावरण संरक्षण अक्सर पीछे रह जाता है।”
द हेबिटेस्ट ट्रस्ट के जरिए मल्होत्रा कम लोकप्रिय प्रजातियों और स्थानों की ओर ध्यान आकर्षित करने पर जोर देंगी, जिन्हें तत्काल संरक्षण की जरूरत है।
वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए इंस्टीट्यूशनल समर्थन को लेकर उन्होंने कहा कि समर्पित संरक्षणवादी देशभर में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं, जिसके बारे में कुछ लोग ही जानते हैं, या वो भी नहीं।
उन्होंने कहा, “ऐसे संरक्षणवादियों के लिए संसाधनों की कमी सबसे बड़ी चुनौती है। द हैबिट्स ट्रस्ट ग्रांट्स के माध्यम से हम जिन चीजों को करने की कोशिश कर रहे हैं, उनमें से एक यह भी है कि संरक्षण के इन चैंपियन को योग्य मान्यता दी जाए और जमीन पर काम करने वाले संगठनों और व्यक्तियों के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाए।”
मल्होत्रा ने अतिक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक स्थलों की रक्षा पर जोर दिया है।