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    शिंजो आबे और नरेन्द्र मोदी

    कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी ने हाल ही में रोजगार के मुद्दे पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को घेरा था। उन्होंने कहा था कि भारत में उत्पादन उद्योग पर्याप्त नहीं है इसलिए रोजगार का सृजन नहीं हो पा रहा है, जबकि चीन में नौकरियों के दिक्कत नहीं ही नहीं है क्योंकि वह मैन्युफैक्चरिंग हब है।

    चीनी मीडिया के हवाले से खबर आई कि चीन रोजगार सृजन में नरेन्द्र मोदी की सहायता कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक नौकरियों की कमी के कारण नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और यह चीन के लिए शुभ संकेत नहीं है क्योंकि चीन चाहता है कि नरेन्द्र मोदी का देश पर बेहतर नियंत्रण हो।

    एक साल से पूर्व डोकलाम में सैन्य गतिरोध हुआ था जिससे भारत और चीन के सम्बन्ध तनावग्रस्त हो गए थे। दश्कोंमे पहली बारदोनों राष्ट्रों के सम्बन्ध सबसे निचले स्तर पर थे। रिपोर्ट के अनुसार भारत की केंद्रीय सरकार कमजोर और जनता विविध है। चीन को उम्मीद है कि नरेन्द्र मोदी अपनी छवि को सुधारेंगे ताकि सुधार करने के लिए उनके पास पर्याप्त ताकत हो और चीन-भारत संबंधों में एक नई ऊर्जा का प्रवाह हो।

    रिपोर्ट में नरेन्द्र मोदी की छवि सुधारने के समाधान का हल ‘भारत में चीनी निवेश’ को बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक दुविधा में है। अगर भारत चीनी निवेश पर पाबंदी लगाएगी तो कई युवाओं की नौकरी में कमी आएगी। भारत में अधिकतर चीनी निवेश स्मार्टफ़ोन के निर्माण में हैं। अगर भारत खुद को चीनी निवेश के लिए आकर्षित बनती है, तो यह रोजगार के लिए लाभकारी होगा।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी चुनावों से पूर्व मोदी सरकार को रोजगार सृजन जैसी एक अच्छी खबर चाहिए और चीनी निवेश इसमें मददगारी साबित होगा। चीनी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने से से नरेन्द्र मोदी अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। आगामी चुनावों से पूर्व चीनी निवेश में वृद्धि नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक करियर के लिए सर्वश्रेष्ठ साबित होंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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