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    रेवाड़ी, 7 जून (आईएएनएस)| हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक गांव में सैकड़ों लोग प्रति दिन ‘चमत्कारी पानी’ को लेने पहुंच रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह मधुमेह सहित कई बीमारियों के लिए रामबाण है।

    स्थानीय प्रशासन ने हालांकि जनता को आगाह किया है कि वे गुजरीवास के एक फार्महाउस में ट्यूबवेल से जो पानी प्राप्त कर रहे हैं, वह मानव के उपयोग के योग्य नहीं है।

    वहीं, फार्महाउस के मालिक जतिंदर का दावा है कि 8,000 से अधिक लोग रोजाना पानी लेने के लिए आते हैं।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों से रोजाना औसतन 8,000 से 10,000 लोग यहां ट्यूबवेल से पानी लेने के लिए फार्महाउस में आते हैं। वहीं, सप्ताहांत में यह आकंड़ा 15,000 तक पहुंच जाता है।

    जतिंदर ने पत्रकारों से कहा, “शुरू में केवल दो-चार लोग ही पानी लेने यहां आते थे, जैसे ही उनके -मधुमेह, त्वचा रोग और गैस्ट्रिक विकार आदि जैसे रोग ठीक होने लगे, उन्होंने फिर से शुरू कर दिया।”

    उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन बिना किसी शुल्क के सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक जनता को हजारों लीटर पानी उपलब्ध कराते हैं।

    इसके विपरीत, एक समाचार चैनल के कैमरे पर पानी के लिए प्रति बाल्टी 10 रुपये चार्ज करते हुए उन्हें देखा गया था।

    जो लोग पानी लेने आ रहे हैं, उनका कहना है कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से ‘चमत्कार पानी’ के बारे में पता चला।

    आगंतुकों में से एक, सतबीर सिंह ने कहा कि वह तीसरी बार पानी लेने के लिए फार्महाउस आए हैं।

    उन्होंने कहा, “यह पानी मधुमेह के रोगियों का इलाज कर रहा है। मेरी पत्नी का मधुमेह का स्तर 300 एमजी/डीएल से अधिक था। सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे इस पानी के औषधीय गुणों के बारे में पता चला। इस पानी का सेवन कुछ दिनों तक करने के बाद, उसका मधुमेह का स्तर कम हो गया है। उसका मधुमेह का स्तर अब 200 एमजी/डीएल हो गया है।”

    इसके विपरीत, रेवाड़ी के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी लाल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि पानी मानव उपभोग के अयोग्य है।

    उन्होंने कहा, “प्रारंभिक रपटों से पता चलता है कि पानी में नमक और खनिज की उच्च सांद्रता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, विशेष रूप से रक्तचाप के रोगियों के लिए यह बेहद खतरनाक है।”

    सिंह ने कहा कि हमें फ्लोराइड और जिंक सांद्रता पर पानी के नमूने की रिपोर्ट का इंतजार है।

    मानव स्वास्थ्य के लिए खतरे की स्थिति पैदा होते देख, उपायुक्त ने पानी की गुणवत्ता का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है।

    जैसे-जैसे आगंतुकों का आना-जाना बढ़ता जा रहा है, स्थानीय लोगों ने पानी की बोतलें और बाल्टियां बेचने वाली मेकशिफ्ट दुकानें स्थापित कर ली हैं। सभी विक्रेताओं का खूब कारोबार हो रहा है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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