अपने ट्रेनों के लेट-लतीफ़ होने के चलते बदनाम भारतीय रेलवे अब अपनी ट्रेनों के समय सारणी को गंभीरता से पालन करती हुई दिख रही है। इसी के साथ अक्टूबर माह में रेलवे की 74 फीसदी ट्रेनें अपने समयानुसार ही चलीं है, जबकि मई माह में यही आँकड़ा 59.9 प्रतिशत का था।
इसी के साथ कोंकड़ रेलवे ने सबसे अधिक 95 फीसदी ट्रेनों को समयानुसार ही उन्हे गंतव्य तक पहुंचाया है, इसी के साथ उत्तर पश्चिम रेलवे और उत्तर सीमांत रेलवे ने भी 90 फीसदी से भी अधिक ट्रेनों का संचालन समयसीमा के भीतर ही किया है।
मालूम हो कि इस दौरान देश के कुल 17 रेलवे ज़ोन में से 10 ज़ोनों ने अपने अंतर्गत चलने वाली 75 फ़ीसदी ट्रेनों का संचालन समयसीमा के भीतर किया है।
खराब प्रदर्शन के मामले में पश्चिम मध्य रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे व उत्तर रेलवे ने अपनी सीमा के भीतर संचालित होने वाली कुल ट्रेनों में 65 फ़ीसदी से भी कम ट्रेनों को समय सीमा के भीतर उनके गंतव्य तक पहुंचाया है।
रेल मंत्रालय ने पहले ही सभी ज़ोनल अधिकारियों को समयसीमा के भीतर ट्रेन संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं।