देश में पिछले चार दिनों में दो भीषण रेल हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु और बोर्ड के चेयरमैन ऐके मित्तल ने इस्तीफा दे दिया है।
सुरेश प्रभु के इस्तीफे को हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी ने अभी स्वीकार नहीं किया है और उन्हें इंतज़ार करने को कहा है। सुरेश प्रभु ने आज ट्वीट करके पहले तो दोनों हादसों पर आना दुःख बयान किया, और फिर कहा कि वे इस पुरे हादसे की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने उन्हें अभी इंतज़ार करने को कहा है।
I met the Hon'ble Prime Minister @narendramodi taking full moral responsibility. Hon’ble PM has asked me to wait. (5/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
जाहिर है पिछले चार दिनों में देश में दो भीषण रेल हादसे हो चुके हैं। पहले मुज्जफरनगर में रेल के पटरी से उतरने से करीबन 24 लोगों की मौत हो गयी थी। इसके बाद आज उत्तर प्रदेश के ही औरैया जिले में काफ़ियत एक्सप्रेस के टक्कर होने से तक़रीबन 74 लोग घायल हो गए हैं।
इन घटनाओं के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है। जहाँ एक और विपक्षी दलों ने जमकर सर्कार पर हमला बोला है, वहीँ सरकार का तर्क है कि 2014 से पहले इससे ज्यादा दुर्घटनाएं होती थी। विपक्षी नेताओं ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग की थी।
In less than three years as Minister, I have devoted my blood and sweat for the betterment of the Railways (1/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
Undr leadership of PM, tried 2 overcome decades of neglect thru systemic reforms in all areas leading 2 unprecedented investment& milestones
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
New India envisioned by PM deserves a Rlys which is efficient and modern. I promise that is the path, on which Rlys is progressing now (3/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
I am extremely pained by the unfortunate accidents, injuries to passengers and loss of precious lives. It has caused me deep anguish (4/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
आज दोपहर सुरेशप्रभु ने एक के बाद एक पांच ट्वीट करके इन सब घटनाओं पर अपना बयान दिया। प्रभु ने कहा कि पिछले तीन सालों में उन्होंने देश की रेल की दशा सुधारने के लिए अपना खून और पसीना एक कर दिया है। उन्होने कहा कि हादसे के शिकार हुए सभी लोगों को न्याय मिलेगा।
चार दिनों के भीतर दो बड़े हादसे होने के बाद देश की रेल व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। कई लोगों का कहना है कि देश की रेल व्यवस्था भी 50 साल पुरानी है और इसमें बदलाव की जरूरत है। लोगों का कहना है कि देश की रेल अब भगवान भरोसे ही है।
इन हादसों के बाद सरकार ने भी अपनी और से कुछ कदम उठाये हैं। ख़बरों के मुताबिक रेलवे ने काफी कर्मचारियों को निकल दिया है और कई अधिकारीयों को छुट्टी पर भेज दिया है। इसके अलावा रेलवे ने घोसणा की थी कि वह तक़रीबन 2 लाख नए कर्मचारियों को नियुक्त करेगा जिससे की देश की रेल व्यवस्था को सुरक्षित बनाया जाए।
हाल ही में सूत्रों द्वारा मिली ख़बरों के मुताबिक नरेंद्र मोदी रेलमंत्री सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर कर सकते हैं।