भारतीय ट्रेनें प्लेटफॉर्म पर कभी समय से नहीं आती हैं, भारतीय रेलवे ने इस जुमले को खत्म करने का निर्णय ले लिया है। अब चाहे सर्दियों का कोहरा हो या फिर कोई और कारण इंडियन रेलवे ने एक नया प्लान तैयार किया है, जिसके चलते अब ट्रेनें लेट नहीं होंगी।
अब यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर घंटों इंतजार नहीं करना होगा। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बयान दिया है कि जल्द ही अब हर ट्रेनों में 22 डिब्बे लगे होंगे, जिससे ट्रेनें केवल नाम बदलकर बिना समय गंवाए किसी भी रूट पर चलने के लिए हमेशा तैयार रहेंगी।
मौजूदा आईसीएफ और एलएचबी कोचों के अनुसार रेलगाड़ियों में क्रमश: 12, 16, 18, 22 और 26 डिब्बे लगे होते हैं। मुख्य ट्रेन लेट होने की स्थिति में रेलवे विभाग किसी दूसरी ट्रेन को उस नाम से नहीं चला पाता ऐसे में यात्रियों को घंटों अपनी ट्रेन का इंतजार करना होता है।
आपको जानकारी के लिए बता दें भारतीय रेलवे ने नई योजना के अनुसार पहले चरण करीब 300 रेलगाड़ियों तथा मेनलाइन और बिजी रूट्स की पहचान कर ली है। सूत्रों के अनुसार जुलाई महीने से इन 300 ट्रेनों का संचालन अब नए टाइम टेबल के अनुसार किया जाएगा।
इसके लिए प्लेटफॉर्मों का नवीनीकरण अर्थात आकार आदि में बढ़ोतरी की जाएगी। आइए जानें रेलवे के इस नए प्लान के बारे में…
300 ट्रेनों और नए रूट्स की पहचान
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, समय पर ट्रेनों की रवानगी के लिए रेलवे एक नया कदम उठाने जा रहा है। आपको बता दें कि रेलवे लगभग 300 ऐसी ट्रेनों का समूह तैयार करने जा रहा है, जिन्हें कभी भी नाम बदलकर किसी भी रूट्स पर दौड़ाया जा सकता है।
योजना के पहले चरण में ट्रेनों की संख्या में परिवर्तन तथा नए मेनलाइन तथा बिजी रूट्स की पहचान कर ली है। बताया जा रहा है कि रेलवे जुलाई महीने से अपने समय सारिणी में परिवर्तन करने जा रहा है।
मौजूदा कोचों में बदलाव
रेलवे की इस नई योजना के अनुसार अब हर ट्रेनों में 22 डिब्बे लगे होंगे। इसका फायदा रेलवे का यह मिलेगा कि जरूरत अनुसार कभी भी ट्रेन का नाम बदलकर किसी भी रूट्स के लिए परिचालन किया जा सकेगा। आपको बता दें कि मौजूदा समय में आईसीएफ और एलएचबी कोच के तहत ट्रेनों में केवल 12,16,18, 22 डिब्बे लगे होते हैं। अब कोशिश की जा रही है कि हर ट्रेनों में 22 डिब्बे ही लगे हों।
बढ़ाई ट्रेनों की स्पीड
ट्रेनों की लेटलतीफी का जो ठपा भारतीय रेलवे पर लगा है, इससे निजात पाने के लिए इंडियन रेलवे ने कुल 769 ट्रेनों के स्पीड में बढ़ोतरी की है। नतीजा रेल यात्रा की अवधि में पांच मिनट सेे लेकर 485 मिनट की कमी देखने को मिली है।