हाल ही में हुए अमृतसर रेल हादसे जैसी किसी भी अनहोनी से बचने के लिए उत्तर रेलवे ने रेल ड्राईवरों को ट्रैक पर भीड़ दिखते ही गाड़ी धीमी करने व गार्ड को ऐसी स्थिति में सुरक्षा के लिहाज से उचित कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
इसी महीने 19 अक्टूबर को हुए हादसे में गार्ड द्वारा 400 मीटर की दूरी से भी भीड़ दिख जाने के बावजूद वह न तो समय रहते भीड़ को आगाह कर पाया और न ही अगले स्टेशन में इसकी सूचना भेज पाया। उस घटना में कुल 61 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
रेलवे ने उस घटना के बाद यह कह कर अपना पल्ला झाड लिया था कि उस जगह आयोजित कार्यक्रम को लेकर रेलवे से किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गयी थी।
हालाँकि अब रेलवे ने उस घटना से सबक लेते हुए यह पक्का करने की ठानी है कि दोबारा इस तरह की घटना देखने को न मिले। इसके लिए रेलवे ने 23 अक्टूबर को एक लिखित आदेश भी जारी किया है।
रेलवे का यह आदेश गार्ड, पायलट, लोको पायलट, गेटमैन, की-मैन, स्टेशन मास्टर के साथ ही आरपीएफ़ के लिए भी है। आदेश के अनुसार इन सभी लोगों को रेलवे ट्रैक पर भीड़ दिखते ही समय रहते उचित कदम उठा लेने को कहा गया है।
इसी के साथ रेलवे ने ड्राईवरों के लिए अलग से निर्देश जारी किए हैं, जिसमें रेलवे की तरफ से कहा गया है कि त्योहारों के समय किसी भी क्रासिंग से गुजरते हुए ट्रेन को लगातार सीटी बजानी होगी, वहीं किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके से ट्रेन निकालते समय गाड़ी की रफ्तार को भी कम करना होगा।
इसी के साथ में आरपीएफ़ को निर्देश देते हुए रेलवे ने कहा है कि यदि रेलवे ट्रैक पर किसी भी तरह की भीड़ दिखाई पड़ती है, तो आरपीएफ़ को उसके संबंध में फौरन कार्यवाही करनी होगी।