रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को सीरिया में वाशिंगटन के जोखिमों को लेकर चेतावनी दी है और सीरिया से अमेरिकी सैनिको की वापसी के लिए दो टूक बयान दिया था। तुर्की ने उत्तरी सीरिया में हमले सैन्य अभियान को लांच करने की चेतावनी दी है। रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की थी कि वह सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला रहे हैं जिनकी तैनाती विद्रोही कुर्दिश पर हमले को रोकने के लिए की गयी थी।
ट्रम्प ने सीरिया पर हैरतंगेज़ ऐलान किया था। साथ ही अमेरिका ने इस क्षेत्र में कुर्द सहयोगियों का साथ न छोड़ने का ऐलान किया था। कजाकिस्तान की राजधानी नूर सुल्तान के दौरे गए लावरोव ने कहा कि “सीरिया में अमेरिकी कार्रवाई विरोधाभासों से भरी हुई है और समझौतों तक पहुंचने में हमारे अमेरिकी सहयोगियों की अक्षमता को दर्शाती है। अमेरिकियों ने कई बार अपने वादों का उल्लंघन किया है।”
उन्होंने अमेरिका पर सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने और उन क्षेत्रों पर रहने वाली अरब जनजातियों की नाराजगी के लिए उत्तरी सीरिया में अर्ध राज्य बनाने की मांग करने का भी आरोप लगाया है। यह एक बहुत खतरनाक खेल है।
रूस के शीर्ष राजनयिक ने इस हफ्ते की शुरुआत में बगदाद और इराकी कुर्दिश राजधानी एरबिल का दौरा किया था और कहा कि उन्होंने इराक में कुर्द नेताओं के साथ इस बाबत चर्चा की थी। लावरोव ने कहा कि “वे बेहद सतर्क हैं कि इस बेहद संवेदनशील मामले का इतनी अप्रभावी कार्रवाई पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।”
व्हाइट हाउस के सचिव स्टेफेन ग्रीषम ने कहा कि “तुर्की जल्द ही उत्तरी सीरिया में अपने लम्बी अवधि की योजना की तरफ आगे बढ़ेंगे। अमेरिका की सेना न इस अभियान में शामिल होगी और न ही इसमें सहयोग करेगी।”
अमेरिका के अभी उत्तरी सीरिया में करीब 1000 सैनिक तैनात है जहां वह कुर्दिश वाईपीजे सेना के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। कुर्दिश सेना सीरियन डेमोक्रेटिक फाॅर्स का नेतृत्व करती है। इस्लामिक स्टेट के खिलाफ संघर्ष में कुर्द अमेरिका के सबसे भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं।