Sun. Nov 17th, 2024
    सऊदी हमला

    सऊदी अरब की दो कंपनियों में बीते सप्ताहांत हुए ड्रोन हमले पर रूस ने अमेरिका के हथियारों का मजाक उडाया है।रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने शुक्रवार को बयान में कहा कि “हम अभी भी शानदार अमेरिकी मिसाइल याद हैं जो एक लक्ष्य पर निशाना साधने में विफल रही थी और अब शानदार अमेरिकी वायु रक्षा प्रणाली एक हमले को रोकने में नाकाम है।”

    ईरानी नेताओं के साथ बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की  में हैं और सुझाव दिया कि अगर सऊदी अरब में रूस द्वारा बनाई गई मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी होती तो वह इया हमले से बाख सकता था।

    पुतिन ने कहा कि “सऊदी अरब के राजनीतिक नेतृत्व को एक बुद्धिमता का निर्णय लेने की जरुरत है।” अमेरिका और रूस के बीच हथियारों की बिक्री पर प्रतिद्वंद्विता शीत युद्ध के बाद से जारी है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2014 और 2018 के बीच वे दुनिया में हथियारों के दो सबसे बड़े निर्यातक थे।

    लेकिन पिछले कुछ वर्षों में प्रतिद्वंद्विता संघर्ष के रूप में काफी बढ़ गई है। मध्य पूर्व में वाशिंगटन और मॉस्को के बीच अक्सर एक ही ग्राहकों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। अमेरिका आमतौर पर श्रेष्ठता का दावा करता है, लेकिन रूस द्वारा उत्पादित कुछ हथियार प्रणालियां चुनौती दे रही हैं। उनमें से प्रमुख एस -400 मिसाइल रक्षा प्रणाली है।

    सऊदी अरब के खुरईस और अबकाइक जिलों में शनिवार सुबह तेल स्थानों पर हमला क्रूज मिसाइल और ड्रोन से किया गया था। सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के निदेशक टॉम कारको ने कहा कि  “यह सऊदी हमला 360 डिग्री की क्षमता को दर्शाता है।”

    रूस का सैन्य औद्योगिक परिसर संभावित सैन्य विफलताओं के बारे में गोपनीयता के लिए जाना जाता है। मास्को अमेरिकी हथियारों की प्रभावकारिता को भी विवादित करता है। जैसा कि शुक्रवार को ज़खारोवा ने कहा कि रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रति वफादार बलों द्वारा रासायनिक हथियारों के उपयोग के बाद सीरिया में लक्ष्य पर अप्रैल 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए मिसाइल हमलों के प्रभाव को खारिज कर दिया था।

    रूस ने दावा किया कि सीरियाई हवाई सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की और 103 में से 71 मिसाइलों को मार गिराया था।  पेंटागन ने इस आंकड़े को खारिज किया था और मॉस्को ने इसका कोई सबूत नहीं दिया है। रूस ने सीरिया को एंटी मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति की है।

    मॉस्को ने रूस के मिसाइल रक्षा प्रणालियों को खरीदने के लिए कई अमेरिकी सहयोगियों को शामिल किया है, जिनकी लागत उनके अमेरिकी समकक्षों की तुलना में काफी कम है। भारत और कतर ने सार्वजनिक रूप से S-400 को खरीद लिया है।

    शुक्रवार को तुर्की द्वारा एस-400 की डिलीवरी लेने के बाद ट्रम्प ने कहा कि ” पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कदम के कारण मजबूरन ऐसा कदम उठाना पड़ा है और वह समझते हैं कि क्यों उन्होंने रूस की मिसाइल को खरीदने का चयन किया है।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *