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    रूस और क्रीमिया को अलग करने वाले केर्च जलड मरूमध्य में हुए जहाज हादसे में छह भारतीय नाविकों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। इस जलमार्ग से छह भारतीय अभी भी गायब है, जिनकी मृत्यु की संभावना जताई जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने रूसी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यह सूचना साझा की थी। तेल जहाज में तुर्की और भारतीय नाविक सवार थे।

    विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि ‘हमें यह सूचना साझा करते हुए बेहद दुख ही रह है कि इस जहाज में कार्यरत छह भारतीयों की मौत हो गयी है व छह अभी गुमशुदा हैं। मृतकों की पहचान पीनल कुमार भरतभाई टंडेल, विक्रम सिंह, सरवनन नागराजन, विशाल डॉड, राजा देबनारायण और करणकुमार हरिभाई टंडेल के रूप में हुई है। वही लापता नाविकों के नाम सिद्धार्थ मेहर, नीरज सिंह, सिबेस्टियन ब्रिटो ब्रिजलिन सहराज, रूसीकेश राजू सकपाल, अक्षय बबन जाधव और आनंद शेखर अविनाश हैं।

    मंत्रालय ने कहा कि रूसी समुंद्री एजेंसी और समन्वय केंद्र निरंतर लापता नाविकों को खोजने का प्रयास कर रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा गकी मृतक भारतीय नाविकों के शवों को भारत लाने का कार्य पूरा किया जा रहा है। तुर्की ने भी अपने चार नाविकों को मृत्यु की जानकारी दी है।

    रूस के जांच अधिकारियों ने लापता छह भारतीयों और चार तुर्की के नाविकों की खोज शुरू कर दी है। ये दो जहाज तब दुर्घटनाग्रस्त हुए जब एक जहाज दूसरे जहाज में तेल भर रहा था। इन दो जहाजो के नाम कैंडी व माइस्ट्रो हैं। इन जहाजों में अभी भी आग जल रही है जिस कारण बचाव कार्य मे काफी दिक्कत हो रही है।

    कैंडी जहाज के 17 नाविकों में नौ भारतीय व आठ तुर्की के नाविक थे। माइस्ट्रो के जहाज में 15 लोग थे जिसमें सात तुर्की व भारतीय नाविक थे व एक लीबिया का नाविक था। इस हादसे में अभी तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 10 नाविक अभी भी गायब है।रूस और भारतीय विभाग अभी इस मामले पर सम्पर्क बनाये हुए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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