यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्कीय ने सोमवार को कहा कि “वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिन्स्क में बातचीत के लिए तैयार है। इसमें जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस भी शामिल है। साल 2014 में रूस ने क्रीमिया प्रायद्वीप पर नियंत्रण कर लिया था और इससे दोनों देशों के सम्बन्ध बेहद खराब हो गए थे।
यूक्रेन का आरोप है कि मोस्को ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादियों का समर्थन किया है और इस संघर्ष में 13000 लोगो की मौत हो गयी थी। साल 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में एक संघर्ष विराम समझौते पर दस्तखत किये गए थे। यह जर्मन और फ्रांस के समर्थन से हुआ था और इसमें दुश्मनी को खत्म करने की सिमित्र सफलता मिली थी।
ज़ेलेंस्कीय ने सोशल मीडिया पर एक विडियो में कहा कि “अब मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ रुख करना चाहता हूँ। बात करने की जरुरत है। यह आवश्यक है। चलो चर्चा करते हैं कि क्रीमिया किससे सम्बंधित है और दोनबास में कौन मौजूद नहीं है।”
ज़ेलेंस्कीय एक कॉमिक एक्टर है और उन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने अप्रैल में हुए राष्ट्रपति चुनावो में जीत हासिल की थी। उन्होंने पूर्व में भी कहा था कि वह रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार है ताकि पूर्वी यूक्रेन का मामला खत्म हो जाए और यह कीव के यूरोपीय संघ और नाटो को में प्रवेश के आड़े भी आ रहा है।
क्रेमलिन ने कहा कि “वह यूक्रेन के राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर विचार करेंगे।” पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि “हमें समझने की जरुरत है कि क्या इस मुलाकात के कुछ मायने है। हमें समझना है कि कौन से नए तरीके के फॉर्मेट को प्रस्तावित किया गया है। यह एक नई पहल है। बिल्कुल, इस पर विचार किया जायेगा लेकिन मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूँ।”
सोमवार को जारी बयान में ज़ेलेंस्कीय ने यूक्रेन के नेता विक्टर मेड्वेद्चुक की तरफ से दिए गए प्रस्ताव की आलोचना की थी। वह रुसी समर्थित नजरिये के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा कि “यह योजना तुच्छ लेकिन खतरनाक थी और यूक्रेन को दो शिविरों में विभाजित करने की कोशिश थी।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, ज़ेलेंस्कीय की सर्वेंट ऑफ़ पीपल पार्टी इस चुनाव को जीते जीतेगी। यूक्रेन में 21 जुलाई को संसदीय चुनावो का आयोजन होना है।