रूस ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका रूस के साथ शीत युद्ध संधि को तोड़ने के कुछ ही हफ्तों बाद मध्यम दूरी की क्रूज मिसाइल का परीक्षण करके सैन्य तनाव बढ़ा रहा है। इस संधि के तहत सभी परमाणु-सक्षम हथियारों को नष्ट किया जाना था।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने सोमवार को मध्यम दूरी की जमीन से लॉन्च होने वाली क्रूज मिसाइल के परीक्षण का ऐलान किया था। रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने राज्य समाचार एजेंसी टीएएसएस को बताया कि “यह सब बेहद अफसोसजनक है। अमेरिका ने सैन्य तनाव को बढ़ाने के लिए चाल चल रहा है लेकिन हम उकसावे पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे।”
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इससे पूर्व शीत युद्ध परमाणु समझौते के खत्म होने के बाद नए समझौते के लिए वार्ता शुरू करने का आग्रह किया था। 1987 में इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस संधि पर अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने हस्ताक्षर किए थे।
रूस ने इस संधि को एकतरफा तोड़ने का कसूरवार अमेरिका को ठहराया था। फरवरी की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 60 दिनों तक रूस के समझौते का पालन करने में असमर्थ होने के बाद आईएनएस संधि के प्रति अपने दायित्वों को रद्द कर दिया है।
इस संधि का उद्देश्य अमेरिका और यूएसएसआर के बीच परमाणु हथियारों की दौड़ पर अंकुश लगाना था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 20 फरवरी को घोषणा की थी कि अगर अमेरिका यूरोप में किसी भी माध्यम रेंज श्रेणी की मिसाइलों को तैनात करता है तो रूस हथियारों के साथ जवाबी कार्रवाई करेगा।