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    अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन ने गुरुवार को 10 रूसी राजनयिकों के निष्कासन और रूस के करीब तीन दर्जन लोगों और कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की है। अमेरिका ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप करने तथा संघीय एजेंसियों में सेंधमारी करने के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने की दिशा में कार्रवाई की है।

    अमेरिका द्वारा चुनाव में हस्तक्षेप और हैकिंग को लेकर जवाबी कार्रवाई करते हुए रूस के खिलाफ पहली बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। माना जाता है कि रूसी सेंधमारों ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर में सेंधमारी की थी ताकि वे कम से कम नौ एजेंसियों के नेटवर्कों को हैक कर सकें और अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने अमेरिकी सरकार की गुप्त जानकारी जुटाने की कोशिश की।

    व्हाइट हाउस ने कहा है कि इन प्रतिबंधों का मक़सद रूस की ‘हानिकारक विदेशी गतिविधियों’ की रोकथाम करना है। उसने एक बयान में कहा है कि पिछले वर्ष ‘सोलरविन्ड्स’ की बड़ी हैकिंग के पीछे रूसी ख़ुफ़िया एजेंसियों का हाथ था। उसने साथ ही रूस पर 2020 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया है।

    गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने के फ़ैसले को ‘आनुपातिक’ बताया। बाइडन ने पत्रकारों से कहा, “मैंने राष्ट्रपति पुतिन से स्पष्ट कर दिया कि हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे, पर मैंने वो नहीं किया. अमेरिका रूस के साथ तनाव और संघर्ष बढ़ाने का एक सिलसिला नहीं शुरू करना चाहता।” उन्होंने साथ ही कहा कि आगे का रास्ता सोची-समझी वार्ता और कूटनीतिक प्रक्रिया से निकलेगा।

    व्हाइट हाउस ने कहा कि जिन 10 राजनयिकों को निकाला गया है उनमें रूसी खुफिया सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं। उसने यह भी कहा कि बाइडन इन खबरों पर प्रतिक्रिया देने के लिए राजनयिक, सैन्य और खुफिया चैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं कि रूस ने तालिबान को अफगानिस्तान में अमेरिका के और सहयोगी देशों के सैनिकों पर हमले के लिए उकसाया था।

    व्हाइट हाउस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मंगलवार को फोन कर अमेरिका की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी। फोन पर बातचीत के दौरान बाइडेन ने यह स्पष्ट किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका रूस के कार्यों, जैसे साइबर घुसपैठ और चुनाव में हस्तक्षेप के जवाब में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मजबूती से काम करेगा। वहीं, अमेरिका के कदमों पर मॉस्कों ने भी प्रतिक्रिया दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने व्हाइट हाउस के कदमों को अवैध बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। रूस ने कहा कि हम किसी भी प्रतिबंध की निंदा करते हैं। हम मानते हैं कि प्रतिबंध अवैध हैं।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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