रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के तीन जहाजों को कब्जे में लेने का नौसेना के निरनय को जायज ठहराया जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने दोस्त युक्रेन के साथ रूस के बर्ताव पर चिंता जाहिर की है। रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन ने उन्हें उकसाया था। उन्होंने कहा कि युक्रेन के जहां रूस के जलीय इलाके में दाखिल हो गए थे और आग्रह के बावजूद रुकने को तैयार नहीं थे।
व्लामिदिर पुतिन ने कहा कि ऐसे समय में सेना क्या कर सकती थी। उन्होंने कहा कि नौसैनिक अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहे थे, वह रूस की सीमा की रक्षा कर रहे थे। रूस के सैनिकों ने यूक्रेन के जहाजों पर गोलीबारी कर, क्रीमिया के तट से उनके तीन जहाजों को कब्जे में ले लिया था। रूस के इस रवैये के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य मतभेदों में वृद्धि हुई है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेनको ने रुस को जंग की धमकी दी है और कहा कि रूस लगातार साझे जलमार्ग में सैन्य बल को बढाता जा रहा है। इससे दोनों राष्ट्रों के मध्य भयावह जंग के आसार बढ़ रहे हैं। उन्होंने नाटो देशों के सदस्यों से अनुरोध किया कि वह अपने जहाजों को इस इलाके में भेजे ताकि वह दोबारा इस संघर्ष में वापसी कर सके।
उन्होंने कहा कि जर्मनी हमारा नजदीकी मित्र है, हमें उम्मीद है कि वह यूक्रेन की मदद और सुरक्षा के लिए आज़ोव सागर में नौसैनिक जहाजों को भेजने के लिए तैयार है। पश्चिमी देशों का यूक्रेन को समर्थन है और रूस पर आरोप है कि उसने गैर कानूनी तरीके से आज़ोव सागर तक पहुँचने वाले संकरे मार्ग को बंद कर दिया था, इस जलमार्ग का इस्तेमाल दोनों राष्ट्र करते हैं।
इस विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी थी कि यदि इसका समाधान नहीं निकला गया तो रुसी राष्ट्रपति के साथ होने की वाली आगामी बैठक को वह रद्द कर देंगे। डोनाल्ड ट्रम्प आगामी जी-20 की बैठक में रुसी राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन के साथ मुलाकात करने वाले थे। अमेरिका की ख़बरों के मुताबिक अब यह बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की घटना की रिपोर्ट बाद तय होगी।
रूस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति और रुसी राष्ट्रपति के मध्य मुलाकात संभव होगी। रुसी राष्ट्रपति के विदेश नीति सलाहकार ने कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों के ल्लिये जरुरी है। यूक्रेन ने अपने जहाजों और नाविकों को लौटाने की मांग की है। यूक्रेन के पीएम ने कहा कि हम इस बर्बरता का सबूत देंगे और अपने नाविकों को वापस लाने के प्रयास में कई गुना वृद्धि करेंगे।
रूस के साल 2014 में क्रीमिया में अधिग्रहण के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य विवाद शुरू हो गया था। ख़बरों के मुताबिक पूर्वी यूक्रेन के दोनबास इलाके में रूस चरमपंथियों को समर्थन करता है, पांच साल से अधिक समय पूर्व हुए हमले में 10 हज़ार लोगों की हत्या भी की गयी थी।
युक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेनको ने संसद में बुधवार से मार्शल लॉ लागू करने का बयान दिया था क्योकि सेना पहले ही हाई अलर्ट पर है। नौसेना के जहाजों पर हमला साझा जलमार्ग केर्च मार्ग पर हुआ था, इसे रूस की यूक्रेन के खिलाफ ‘हाइब्रिड वॉर’ कहा जा रहा है।