मुंबई, 12 जुलाई (आईएएनएस)| रिलायंस समूह की सहायक कंपनी रिलायंस पावर ने शुक्रवार को कहा कि इसने कंपनी के कर्ज का समाधान करने के लिए छह कर्जदाताओं के साथ अंतर-साख करार (आईसीए) किया है। रिलायंस पावर के अनुसार, आईसीए पर छह जुलाई 2019 को हस्ताक्षर किए गए। करार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सात जून 2019 के सर्कुलर के फ्रेमवर्क के तहत किया गया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, “आईसीए के आधार पर रिलायंस पावर को 180 दिनों की मोहलत मिल गई है। आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार, रिलायंस पावर की समाधान योजना का कार्यान्वयन 180 दिनों के भीतर होगा।”
कंपनी ने कहा, “रिलायंस पावर की सहायक कंपनी विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (वीआईपीएल) की महाराष्ट्र के नागपुर के समीप 600 मेगावाट की बुटिबोरी पावर परियोजना के सभी छह कर्जदाताओं ने भी आईसीए पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत वीआईपीएल को समाधान योजना पर अमल करने के लिए 180 दिनों का समय मिल गया है।”
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आर-इन्फ्रा) ने गुरुवार को कहा कि उसके 16 कर्जदाताओं ने आईसीए पर हस्ताक्षर किए हैं।
कंपनी ने एक रेग्यूलेटरी फाइलिंग में भी कहा कि 2020 तक शून्य कर्ज वाली कंपनी बनना उसका लक्ष्य है।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने पहले ही 3,600 करोड़ रुपये मूल्य की कंपनी दिल्ली-आगरा टॉल रोड की बिक्री की घोषणा की है। इस एकमात्र हस्तांतरण से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का कर्ज 25 फीसदी से ज्यादा घटकर महज 4,000 करोड़ रुपये रह जाएगा।
कंपनी ने लंबी अवधि के पट्टे के जरिए सांताक्रूज स्थित अपने सात लाख वर्ग फुट रिलायंस सेंटर को मौद्रीकरण करने की भी योजना बनाई है।