मुकेश अम्बानी द्वारा संचालित रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 18 जनवरी, शुक्रवार को अपने तीसरी तिमाही के लाभ एवं आय के आंकड़े जारी किये हैं। इसमें रिलायंस ने लाभ में 9% की वृद्धि के साथ 10,251 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही रिलायंस पहली ऐसी निजी कंपनी बन गयी है जिसने एक तिमाही में 10000 करोड़ से ज़्यादा मुनाफा कमाया हो।
रिलायंस की कमाई के आंकड़े :
दिसंबर तिमाही में कंपनी कुल आय एक साल पहले के 1.1 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 56% बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की इतनी कमाई में सबसे बड़ा योगदान उसके पारम्परिक पेट्रोकेमिकल व्यवसाय के परिचालन लाभ का रहा है। पेट्रोकेमिकल व्यवसाय का लाभ इस तिमाही में 43 प्रतिशत बढ़कर 8,221 करोड़ हो गया। इसके साथ साथ रिलायंस की रिटेल सेवाओं में लाभ 211% बढ़कर 1512 करोड़ हो गया एवं रिलायंस जिओ में लाभ 64 प्रतिशत बढ़कर 2362 करोड़ हो गया।
पेट्रोकेमिकल व्यवसाय का लाभ में सबसे बड़ा योगदान :
आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने लाभ में वृद्धि का रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबार से होने वाली प्रतिस्पर्धात्मक लागत की स्थिति और एकीकरण लाभ को ज़िम्मेदार ठहराया। अंबानी ने यह भी कहा कि आरआईएल के उपभोक्ता व्यवसायों का हिस्सा कंपनी के लाभ में योगदान लगातार बढ़ा रहा है।
रिलायंस जीओ का भी बड़ा योगदान:
रिलायंस जियो, जिसने तीसरी तिमाही में कुल 28 मिलियन नए ग्राहक जोड़े, 10,383 करोड़ रुपये की परिचालन आय पर 831 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया गया। इससे रिलायंस के कुल प्रॉफिट में जिओ ने कुल 18 प्रतिशत का योगदान दिया।
हालांकि जिओ में ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गयी है लेकिन इसके साथ जिओ की आय प्रति ग्राहक में कमी देखने को मिली है। जिओ की आय प्रति ग्राहक पिछली तिमाही के 131.7 रूपए के आंकड़े से दिसम्बर महीने की तिमाही में 130 रूपए आय प्रति ग्राहक पर गिर गयी।
तेल और गैस इकाई में बढ़ा घाटा :
जहां और सभी व्यवसायों में रिलायंस कू बढ़ते मुनाफे देखने को मिले, वहीं तेल और गैस इकाई में इस तिमाही घाटा और भी बढ़ गया। 2018 की दूसरी तिमाही में खबर आ रही थी की रिलायंस अपनी तेल और गैस इकाई को भारी घाटों के चलते बंद करने वाली है लेकिन अभी तक इसमें कोई प्रगति नहीं देखी गयी है एवं हर तिमाही के साथ घाटा बढ़ता जा रहा है।