4जी तकनीक के साथ ही बेहद सस्ते प्लान को आधार बनाते हुए बाज़ार में अपनी शुरुआत करने वाली जियो एक ओर जहाँ अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी की नाक में दम कर रखा है, इसी के साथ अब विस्तृत 4जी कवरेज देने की वजह से जियो अब 2जी और 3जी नेटवर्क के लिए भी बड़ी मुसीबत बनकर सामने आई है।
‘साइबर मीडिया रिसर्च’ की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले छः महीनों में बाज़ार में 2जी फोन की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से घटकर महज 17 प्रतिशत रह गयी है। वहीं दूसरी ओर 4जी नेटवर्क की सुविधा के साथ सस्ते रेंज में पेश किए गए ‘जियोफोन‘ की बाज़ार में हिस्सेदारी 9 प्रतिशत से बढ़कर 27 प्रतिशत पहुँच गयी है।
इसी के साथ 2जी नेटवर्क आधारित फीचर फोन अब लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता को खोते जा रहे हैं। जियो फोन जैसी सुविधाओं के साथ लोग अब 2जी फीचर फोन की कीमत में ही 4जी नेटवर्क की सुविधा का भी लाभ ले पा रहे हैं, ऐसे में लोगों के बीच 2जी की लोकप्रियता में कमी आना लाजमी है।
इसी के साथ बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि अब मोबाइल निर्माता भी 2जी फोन की जगह 4जी फोन पर ही ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं। इसी रणनीति के तहत वे आने वाले समय में बाज़ार में पैदा होने वाली प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकेंगे।
नोकिया जैसी बड़ी कंपनी जिसने भारत के बाज़ार में 2जी फीचर फोन के दम पर लंबे समय तक कब्जा बनाए रखा, अब 4जी फीचरफोन के साथ बाज़ार में दस्तक दे रही है।
गौरतलब है कि 4जी फीचरफोन को बनाने में आने वाली लागत 2जी फोन की तुलना में 3 से 4 गुना है, ऐसे में 2जी फीचर फोन की तुलना में उतने ही सस्ते 4जी फीचर फोन बाज़ार में उतरना काफी इन कंपनियों के लिए मुश्किल काम है।