रिलायंस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने Jio टेलीकॉम व्यवसाय के लिए उच्च टैरिफ के बजाय सब्सक्राइबर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। यह रणनीति भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसे प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से है।
भारत के सबसे अमीर आदमी, रिलायंस बॉस मुकेश अंबानी द्वारा Jio की लॉन्चिंग के बाद से इन कंपनियों का मुनाफा गिरता रहा है।
जियो के अधिकारी अंशुमान ठाकुर ने तिमाही परिणामों के बाद शुक्रवार को कहा, “हम आपको शुरुआत से ही बता रहे हैं, हमारे लिए प्राथमिकता ग्राहक हैं।”
सितंबर 2016 में लॉन्च होने के बाद से Jio ने मुफ्त संगीत, सस्ते डेटा प्लान और मुफ्त वॉयस कॉल की पेशकश कर 33.13 करोड़ ग्राहक जोड़े हैं। इसके आने से भारत के मोबाइल टेलीफोन बाजार में उथल-पुथल मच गई थी, जिससे कुछ छोटे खिलाड़ी व्यवसाय से बाहर हो गए थे जबकि बड़े वोडाफोन और आइडिया ने विलय कर दिया था।
Jio की प्रतियोगिता ने प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) को कम कर दिया है। 30 जून तक की तिमाही के Jio के नतीजे एक साल पहले से 9.3% नीचे थे। ठाकुर ने कहा, “हम इस एआरपीयू के खेल में नहीं हैं। प्रबंधन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि अधिक ग्राहक हमारे नेटवर्क से जुड़े और हमारी सेवाओं का उपयोग करें, जिससे अधिक से अधिक लम्बे समय के लिए मूल्य का निर्माण हो।”
Jio हाल ही में भारती एयरटेल को पछाड़कर वोडाफोन आइडिया के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर बन गया था।
विश्लेषकों का अनुमान था कि Jio जैसे ही ग्राहकों की संख्या में आगे पहुंचेगा, अपने टैरिफ में बढ़ोतरी शुरू कर देगा। हालांकि, ठाकुर ने सुझाव दिया कि Jio राहत देने के मूड में नहीं है। उन्होनें कहा कि कंपनी ने इस तिमाही में 2.45 करोड़ ग्राहक जोड़े हैं और कहा कि इसके ग्राहक हर महीने औसतन 11.4 गीगाबाइट डेटा का उपभोग करते हैं। हम इन प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों से काफी खुश हैं,” उन्होंने कहा।
रिलायंस ने शुक्रवार को यह भी घोषणा की कि Jio ने कनाडा के ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट को 250 अरब रुपये के निवेश ट्रस्ट के माध्यम से अपनी टावर संपत्ति बेच दी है।