9वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में संबोधन के दौरान मुकेश अम्बानी ने कहा “जिओ और रिलायंस रिटेल मिलकर गुजरात में हमारे 12 लाख छोटे खुदरा विक्रेताओं और दुकानदारों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए एक अनूठा नया ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लॉन्च करेंगे।”
क्यों है यह सही समय ?
यदि रिलायंस द्वारा वर्तमान में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लांच किया जाता है तो यह समय उसके लिए अनुकूल होने वाला है क्योंकि कुछ समय पहले सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के नियमों में संशोधन किया था। नए नियमों के मुताबिक़ 1 फरवरी से कोई भी फर्म अपनी हिस्सेदारी की कंपनियों के उत्पादों को ज्यादा नहीं बेच पाएंगी एवं इसके अतिरिक्त ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर कोई एक्सक्लूसिव डील को भी मंजूरी नहीं मिलेगी।
ऐसा होने से अमेज़न एवं फ्लिप्कार्ट को एक बड़ा झटका लगने वाला है एवं विशेषज्ञों द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गयी थी जिसमे कहा गया था की यदि ये नियम लागू होते हैं तो इन कंपनियों की बिक्री में 46 अरब डॉलर तक की कमी आ सकती है।
इन नियमों से भारत के खुदरा छोटे व्यापारी खुश हैं। और यदि इस समय रिलायंस स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लांच करता है तो उसे अवश्य समर्थन मिलेगा।
रिलायंस के खुदरा नेटवर्क का मिलेगा लाभ :
रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास पहले से ही देश में एक बड़ी खुदरा उपस्थिति है। वर्तमान में, इसके 6,500 से अधिक भारतीय शहरों और कस्बों में लगभग 50 गोदाम एवं 10,000 रिलायंस रिटेल स्टोर हैं। छोटे स्टोर और दैनिक दुकान मालिकों के पास भारत का 90 प्रतिशत खुदरा परिदृश्य है। ऐसे परिदृश्य में, रिलायंस की योजना ई-कॉमर्स के माध्यम से स्थानीय रिटेलर के उत्पाद वितरित करने के लिए अपने आधार का उपयोग करने की है। इससे नए प्लेटफार्म को एक तैयार नेटवर्क मिलेगा।
उन्नत तकनीकों का किया जाएगा प्रयोग :
रिलायंस अपने नए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए अगली पीढ़ी की तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे पहले, मुकेश अंबानी ने ई-कॉमर्स में अपनी योजनाओं के कुछ विवरणों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि नया प्लेटफॉर्म “इमर्सिव शॉपिंग अनुभव” बनाने के लिए संवर्धित वास्तविकता, होलोग्राफ और आभासी वास्तविकता का उपयोग करेगा।