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    रिलायंस जियो बढ़ा सकता है डेटा कीमतें

    ओपन सिग्नल की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो 2018 में डेटा कीमतें बढ़ाकर मौजूदा आॅपरेटरों के बीच टैरिफ प्लान प्रतिद्ंविता का अंत कर सकता है। देश में सबसे ज्यादा सस्ते टैरिफ प्लान देने वाला जियो एक साल बाद अपने 4जी डेटा प्लान की कीमतों में इजाफा करने जा रहा है।

    रिलायंस जियो के सस्ते 4जी डेटा प्लान के चलते डेटा खपत के मामले में भारत पूरी दुनिया में शीर्ष पर पहुंच गया। हांलाकि कीमतों में बढ़ोतरी का संकेत जियो अक्टूबर महीने में ही दे चुका है। आपको बता दें कि जियो ने दीवाली के समय लोकप्रिय प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स की कीमतें बढ़ाई थी। ओपन सिग्नल की इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में 4जी पॉवर बनने की संकल्पना से भारत धीरे-धीरे दूर हो जाएगा।

    ओपन सीग्नल के एंड्रिया टोथ ने कहा कि रिलायंस जियो ने डेटा और वॉयस प्लान में भारी डिस्काउंट देकर देशभर में 100 मिलियन से अधिक यूजर्स बनाए।  वैश्विक संस्था क्रिसिल के अनुसार, साल 2020 तक भारत में डेटा खपत 40 फीसदी से बढ़कर 80 फीसदी हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, टेलिकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो के आने के बाद से भारत 4जी पॉवर बनने की ओर अग्रसर हुआ है।

    ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2017 की अंतिम तिमाही के दौरान इस्तेमाल किए गए कुल 4.2 मिलियन टेराबाइट्स में 4जी डेटा का स्तर 3.9 मिलियन टेराबाइट्स रहा।

    ट्राई का कहना है कि 4डेटा इस्तेमाल का स्तर नियमानुसार 500 गुना अधिक है, जबकि एक साल पहले 4जी डेटा का स्तर मात्र 8,050 टेराबाइट्स था। गौरतलब है कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा टेलिकॉम मार्केट है। जहां तक एलटीई उपलब्धता की बात है यह यूके, स्वीडेन, ताइवान तथा स्विट्जरलैंड जैसे देशों से भी आगे है।

    भारत में यूजर्स 84 फीसदी से ज्यादा एलटीई सिग्नल से जुड़े हुए थे, और मात्र एक साल पहले इसमें 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिला।  ओपन सिग्नल की राष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक, टेलिकॉम मार्केट में मात्र 6 महीनें में जियो ने 4जी डेटा मामले में सभी कंपनियों को पछाड़ दिया।

    गौरतलब है कि इंटरनेट यूजर्स केवल 6 महीनें में ही जियो के एलटीई सिग्नल का 91.6 प्रतिशत प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। जबकि ठीक इसके विपरीत एयरटेल और वोडाफोन जैसी प्रतिद्वंदी कंपनियां 60 फीसदी से ज्यादा स्कोर हासिल नहीं कर पा रही हैं।

    ओपन सिग्नल रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, औसत डाउनलोड स्पीड 10 एमबीपीएस की दौड़ में भारत 77 देशों में सबसे नीचले पायदान पर मौजूद है, जबकि भारत में औसत डाउनलोड नेट स्पीड मात्र 6.1 एमबीपीएस है।

    इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि साल 2017 के दौरान नेटवर्क क्राउड के चलते डाउनलोड स्पीड में गिरावट देखने को मिली। यानि जैसे 4जी यूजर्स की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे डाउनलोड स्पीड कम होती जा रही है।

    टेलिकॉम आॅपरेटर्स ने ज्यादा से ज्यादा यूजर्स बनाने के लिए कम लागत वाली डेटा योजनाएं तथा काफी किफायती दामों में 4जी स्मार्टफोन लांच किए। जिससे देश में मोबाइल यूजर्स का अधिक से अधिक हिस्सा जुड़ने में सक्षम हो गया।