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    पीएफ ब्याज

    अगर आप सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर नौकरी छोड़ दी है, तो फिर अपने पीएफ अकाउंट को लेकर निश्चिंत मत बने रहिए। क्योंकि ईपीएफ अकाउंट सक्रिय रहने की स्थिति में आप को इस अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना पड़ेगा। दरअसल आईटीएटी की बेंगलुरू बेंच ने सेवानिवृत्त कर्मचारी के एक ऐसे ही मामले में उपरोक्त आईटी प्रावधान को जारी रखने का निर्देश दिया है।

    आईटीएटी बेंच, बेंगलुरू का फैसला

    आईटीएटी की बेंगलुरू बेंच ने अपने फैसले में कहा कि यदि कर्मचारी अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त होता है अथवा नौकरी से इस्तीफा देता है, ऐसी स्थिति में ये उस पर निर्भर करता है कि वो अपना ईपीएफ अकाउंट बंद करता है अथवा नहीं। लेकिन यदि संबंधित एंप्लॉयी ​यदि अपना अकाउंट सक्रिय रखते हैं तो उन्हें इस ईपीएफ अकाउंट में जमा धनराशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी देना होेगा।

    इंडिया मोबिलिटी लीडर अमरपाल चड्ढा के मुताबिक यदि आप नौकरी नहीं कर रहे हैं, भले ही आप सेवानिवृत्त हुए हों अथवा नौकरी से इस्तीफा दे चुके हों, इस परिस्थिति में यदि आपका ईपीएफ अकाउंट सक्रिय है और आप इस अकाउंट में जमा धनराशि पर ब्याज ले रहें तो ये बात सुनिश्चित कर लें कि इस ब्याज पर भी आप को टैक्स देना होगा।

    आईटीएटी के नियम

    आईटीएटी का कहना है कि नौकरी छोड़ने के कारण जो भी हों, यदि नौकरी से रिटायर हो चुके हैं तो साल 2016 के नवंबर माह में जारी अधिसूचना के मुताबिक ईपीएफ अकाउंट के सक्रिय रहने की स्थिति में उस पर ब्याज मिलना लाजिमी है, जब कि यह राशि विड्रॉल नहीं की जाती अथवा दूसरी नौकरी करने पर इस राशि को स्थानांतरित नहीं किया जाता है।

    साथ में इस बात का भी ध्यान रखें कि इस ईपीएफ अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा। गौरतलब है कि नौकरी से सेवानिवृत्त होने की तीन साल की अवधि में ईपीएफ अकाउंट पर ब्याज नहीं मिलता है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में पीएफ अकाउंट पर 8.65 फीसदी की दर से ब्याज दी जा रही है।

    साल 2017-18 के लिए ईपीएफ ब्याज की घोषणा

    इस समय देश में 5 करोड़ से भी ज्यादा ईपीएफओ के सदस्य हैं। केंद्रीय न्यासी बोर्ड श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अगुवाई में 23 नंवबर को यह फैसला लिया जाएगा कि इस वित्तीय वर्ष में पीएफ जमा राशि पर कितना ब्याज मिलेगा। आप को जानकारी के लिए बता दें कि जहां साल 2015-16 में पीएफ ब्याज दर 8.8 फीसदी थी वहीं साल 2016-17 में सीबीटी ने इसे घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया था।

    सीबीटी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 23 नवंबर को होने वाली एक अहम बैठक में इस साल वित्तीय वर्ष पर मिलने वाली ब्याज दर पर फैसला संभव है। ​इस विभागीय अधिकारी के मुताबिक वित्तीय साल 2017-18 में निर्धारित किए जाने वाली ब्याज दर का प्रस्ताव सीबीटी ट्रस्टियों के सम्मुख प्रस्तुत ​किया जाएगा।

    23 नवंबर को आयोजित होने वाली सीबीटी की इस अहम बैठक में इस बात पर भी फैसला लिया जाएगा कि सब्सक्राइबर्स के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड इन्वेस्टमेंट के अंश को पीएफ अकाउंट में ही जमा कराया जाए ताकि वे निकासी के दौरान इस इंन्वेस्टमेंट को भी आसानी से भुना सकें।