रिटायरमेंट प्लानिंग का मतलब केवल पैसे के प्रबंधन से ही नहीं होता है। रिटायरमेंट प्लानिंग से तात्पर्य उन बातों से होता है जो आपके जीवन को सुकून के दो पल दे सके। रियाटरमेंट के बाद ये पांच जरूरी बातें आपके सामने आती हैं—जैसे खाली समय कैसे बिताया जाए, किन जगहों पर घूमने जाया जाए, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कैसे सुलझाएं और बुढ़ापे में आपकी आमदनी का जरिया क्या हो।
रियाटरमेंट के बाद इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप खाली नहीं बैठे रहें। क्योंकि खालीपन आदमी को अंदर से खोखला बना देता है। अत: खुद को 8—12 घंटों के लिए व्यस्त रखें।
इसके लिए निम्नलिखित योजना बनाएं…
1— सामाजिक कार्यों में सहभागिता:
रियाटरमेंट के बाद व्यस्त रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है, खुद को सामाजिक कार्यों से जोड़े लें। ऐसे में ना केवल समाज के लिए कुछ खर्च कर पाएंगे बल्कि आप का मस्तिष्क भी खालीपन महसूस नहीं करेगा।
2— अपनी हॉबी पर ध्यान दें:
आपके मन में कोई ऐसा शौक अधूरा दिखाई दे रहा हो जिसे आप नौकरी के दौरान पूरा नहीं कर पाए हों, ऐसे में इससे जुड़ी हॉबी क्लास ज्वाइन कर लें। आपकी यह हॉबी आपका समय काटने में बेहतर माध्यम सिद्ध होगी।
3— यात्रा पर जाने का प्लान बनाएं:
हममें से ज्यादातर लोग नौकरी के दौरान अपनी पसंद की जगहों पर घूम नहीं पाते। अत: रिटायरमेंट के बाद अपनी पसंद की जगहों पर अवश्य जाएं। इसके लिए पूंजी की व्यवस्था पहले से करके रखें।
4— स्वास्थ्य पर हमेशा ध्यान दें:
हैल्थर इश्योरेंस कराने के बाद आप की जिंदगी कुछ बेफिक्र जरूर हो सकती है लेकिन इस प्लान को रिटायरमेंट के पहले बनाएं। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद बीमारियों के होने की ज्यादा संभावना रहती है।
5— वसीयतनामा पहले से लिखकर रखें:
जैसे ही पूंजी एकत्र हो जाती है, सबसे पहला काम ये करें कि रिटायरमेंट होने से पहले वसीयतनामा लिखाकर रख लें। अपने प्रियजनों के नाम लिखित रूप से बंटवारा कर जाएं।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि देश में बड़े से बड़े पूंजीपति भी वसीयत लिखकर नहीं जाते परिणाम यह होता है कि उनके मरने केे बाद पूंजी को लेकर अपनों में विवाद शुरू होता है और पूंजी तितर बितर होकर रह जाती है।