कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी प्रधानमंत्री मोदी पर हमले करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। राफेल से लेकर रोजगार देने के मुद्दे पर वो मोदी को घेरते आए है। इस बार सरकार और आरबीआई के बीच जारी खींचतान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को पाने निशाने पर लिया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने मंगलवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार में 3.6 लाख करोड़ रुपये की मांग के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है।
जिस पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया: 36,00,00,00,00,000 रुपये की जरूरत है पीएम को अपने प्रतिभाशाली आर्थिक सिद्धांतों के जरिये फैलाई गई गड़बड़ी को ठीक करने के लिए।
लेकिन उनके ट्वीट में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के लिए भी एक सलाह थी। उन्होंने पटेल से पूछा, जिन्हें बीजेपी सरकार द्वारा डिप्टी गवर्नर से गवर्नर बनाया गया था, प्रधान मंत्री तक खड़े होने और “राष्ट्र की रक्षा करने के लिए।
राहुल ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को भी सलाह दी। राहुल ने पटेल से राष्ट्र को बचाने की अपील की।
Rs 36,00,00,00,00,000
That’s how much the PM needs from the RBI to fix the mess his genius economic theories have created.
Stand up to him Mr Patel. Protect the nation. https://t.co/6BI0ePFvvH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 6, 2018
यह पहली बार नहीं है, राहुल गांधी ने आरबीआई की स्वायत्तता के मुद्दे पर सरकार पर हमला किया है। इससे पहले जब डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के भाषण ने भारतीय रिजर्व बैंक में सरकार के कथित हस्तक्षेप पर प्रकाश डाला, तो राहुल गांधी ने कहा, ‘अच्छा है कि पटेल अंततः मिस्टर 56 से आरबीआई की रक्षा कर रहे हैं।’
Nice that Mr Patel is finally defending the #RBI from Mr 56. Better late then never. India will never allow the BJP/ RSS to capture our institutions.https://t.co/pdpIPRJvFs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 29, 2018
सरकार और सेन्ट्रल बैंक में पिछले कई दिनों से कई मुद्दों पर खींचतान चल रही है।
हर साल भारतीय रिजर्व बैंक को देनदारियों, जोखिमों और आकस्मिकताओं के लिए धन को अलग रखने के बाद अपने लाभ का एक हिस्सा सरकार को हस्तांतरित करना होता है।
सरकार का मानना है कि आरबीआई का जोखिम से लड़ने का तरीका अन्य देशों की तुलना में रूढ़िवादी है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि यह ताजा इनकम नहीं है और रिजर्व अमाउंट को अत्यधिक मात्रा में ट्रांसफर करने से फाइनेंशियल मार्केट का आत्मविश्वास प्रभावित होगा।