Sat. Nov 23rd, 2024
    राहुल द्रविड़

    राहुल द्रविड़ उस समय सबसे “अच्छी सीट” पर थे जब वीवीएस लक्ष्मण ने कोलकाता के ईडन गार्डन मैदान में 281 रन बनाए थे, इस इनिंग को भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा “अबतक की सबसे अच्छी इनिंग” बताया है।

    द्रविड़ ने गुरुवार को वीवीएस लक्ष्मण की आत्मकथा “281 एंड बियोन्ड” विमोचन के दौरान कहा ” मुझे लगता है कि 281 रन की पारी अबतक किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा खेली गई सबसे महत्वपूर्ण पारी थी।”

    द्रविड़ ने कहा की “यह इनिंग देखने के लिए मेरे पास सबसे अच्छी जगह थी जो की किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा खेली गई थी।”

    द्रविड़ ने लक्षम्ण की इस 281 रनो की पारी के लिए उनके द्वारा खेले गए स्ट्रोक और क्लास की बात भी कही।

    ” मैं अभी भी उसी की कल्पना कर रहा था, वह शेन वॉर्न की गेंदो में लेग-स्टंप के बाहर जाकर कवर के ऊपर से शार्ट खेल रहे थे। वह कोलकाता की स्विंग पिच पर शेन वॉर्न जैसे महान गेंदबाज की गेंद को आसानी से फ्लिक कर रहे थे और गेंद को मिडल और ऑफ स्टंप के बीच में मार रहे थे।”

    “लक्षम्ण ने ग्लैन मैक्रगा और जेसन गेलेस्पी जैसे गेंदबाजो की गेंद के ऊपर भी कई आक्रमक शार्ट लगाए। जिस प्रकार वह खेल रहे थे, वह देखना मेरे लिए एक बहुत अच्छा अनुभव था।”

    द्रविड़ ने कहा वैसे में मैच देखना ज्यादा पसंद नही करता लेकिन जब लक्ष्मण ने 281 रन की पारी खेली थी, तो मैं वही थी।

    ” यह देखना बिलकुल अभूतपूर्ण था, मैं ज्यादातर क्रिकेट देखना पसंद नही करता। मुझे वास्तव में अपने आप को फिर से बल्लेबाजी करते देखने से नफरत है, जब कभी-कभी टीवी में यह पुराने मैच दिखाते है, अगर मैं उस समय मैं बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो में चैनल बदल देता हूं।”

    द्रविड़ ने भी उस मैच में 180 रन की पारी खेली थी और लक्ष्मण के साथ मिलकर पांचवे विकेट के लिए 376 रन की साझेदारी की थी, उन्होने कहा उस समय मैं अच्छी फार्म में नही था, लेकिन उन्हें लक्ष्मण की बल्लेबाजी देखकर आत्मविश्वास मिला और मैं यह पारी खेलने में कामयाब हो पाया।

    लक्ष्मण ने कहा की मैं और द्रविड़ जिस हिसाब से गेंद आ रही थी उस हिसाब से खेल रहे थे और शार्ट मारने के बाद एक दूसरे से हाथ मिला रहे थे।

    लक्ष्मण ने कहा ” हमारी टीम के लिए स्थिति सही नही थी, लेकिन हम वर्तमान के बारे में सोच रहे थे। हम पहली इनिंग में 274 रन से पीछे थे, और फिर हमने फॉलो-ओन खेला। हमने वहा गेंद की योग्यता के अनुसार खेला था। हम मैच के बीच में ज्यादा बाते नही कर रहे थे, बस अपने हाथ से हाथ टकरा रहे थे, और खेल को आगे बढाते गए।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *