राहुल गांधी ने आज यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता और पार्टी के युवा नेताओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने पार्टी की नीतियों में बदलाव की तरफ इशारा किया है। दो दिवसीय यूथ कांग्रेस समिट का आज दूसरा दिन था। पहले दिन भी राहुल गांधी ने यहां युवा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का उदाहरण देकर कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया था। राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को आरएसएस की विचारधारा से लगातार लड़ते रहने और कभी न डरने की हिदायत दी थी। आज राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा की पार्टी ने युवा चेहरों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करके गलती कर दी है।
यूथ समिट में अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी को उन लोगों को ज्यादा महत्व प्रदान करना चाहिए जो दिल से कांग्रेस के साथ जुड़े हैं। साथ ही उन नेताओं पर विश्वास करना चाहिए जो वैचारिक रूप से मजबूत हैं। युवा चेहरों पर बहुत ज्यादा ध्यान देना पार्टी की गलती है। जून में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है और खबर है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। अब ऐसे में ये भी संभव है कि ये बयान राहुल गांधी ने अपने अध्यक्ष पद की दावेदारी बनाने के लिए दिया हो। कांग्रेस पर वैसे भी आरोप लगते रहते हैं कि कांग्रेस युवा चेहरों को मौका नहीं देती। राहुल गांधी का यह बयान इसी आरोप को न्यायोचित ठहराता नजर आ रहा है।
राहुल गांधी ने यूथ समिट में अपने युवा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे पार्टी की असली ताकत हैं। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से पार्टी पर विश्वास रखने और पार्टी की विचारधारा के लिए समर्पित रहने को भी कहा। उन्होंने अपने युवा साथियों को आश्वासन दिया कि पार्टी भविष्य में ऐसे लोगों को सम्मानित करेगी जो हमेशा से पार्टी के लिए खड़े रहे। इसके अलावा उन्होंने पार्टी से छटके हुए नेताओं को दोबारा पार्टी में वापस लाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता दोबारा से पार्टी का दामन थामना चाहता है तो उसके लिए कोई भी दरवाजे बंद नहीं करेगा।
यूथ कांग्रेस ने राहुल गांधी को यूथ कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव पर पार्टी के आलाकमान क्या सोचते हैं यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। पार्टी सोच विचारकर इसपर निर्णय लेगी। कल भी यूथ समिट में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा था कि यदि वे कांग्रेस में रहते तो मुख्यमंत्री बन सकते थे। लेकिन भाजपा में वह में वे बैकबेंचर बनकर रह गए हैं। साथ ही उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर और भी कई तंज कसे। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिक्रिया आज सामने आई है। उन्होंने कहा कि काश राहुल गांधी ने उनकी इतनी चिंता तब की होती जब वे कांग्रेस में थे। कांग्रेस छोड़ने के एक साल बाद इस तरह से राहुल गांधी का उनके लिए चिंता करने का कोई मतलब नहीं बनता। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को हिदायत दी कि राहुल उनकी चिंता करना छोड़ दें। वे अब ऊपर उठ चुके हैं।
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