लोक सभा चुनाव सर पर है। तमाम राजनैतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में लगे हैं।भारतीय जनता पार्टी जहाँ 2014 का प्रदर्शन दोहराने का देख रही हैं वही कांग्रेस अपनी साख बचाने के लिए।
यह समय सबसे महत्वपूर्ण समय होता है एक दूसरे पर आरोप की राजनीति करने का और दोनों दल यह काम बखूबी कर रहे है।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच जबानी जंग ज़ोरो पर हैं। हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव के वक्त दोनों दलों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप एवं तंज़ कसे।
परन्तु हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई हिंसक घटनाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर एक बार फिर निशाना साधा है।
अपने ब्यान में उन्होंने कहा कि, ‘‘भाजपा शासित प्रदेशों में दलित और अल्पसंख्यक वर्ग आज डर के साये में जी रहे हैंl इन पर होने वाले अत्याचारों की राज्य की संबंधित सरकारें अनदेखी कर रही हैं।’
इसी के साथ साथ राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए हिंसा के पीड़ित इन लोगों के साथ संपर्क करने के अलावा उनकी मदद करने और ऐसी घटनाओं को सार्वजनिक मंचों पर उठाने के लिए कहाl
थोड़े दिनों पहले ही राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के अनुसूचित जाति विभाग को एक पत्र लिखा थाl
जिसमे उन्होंने कहा था कि, ”दलितों और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की ऐसी घटनाएं जिनमें प्रदेश की एजेंसियां शामिल रही हों उनका भंडाफोड किया जाना चाहिए।
साथ ही ऐसी वारदातें जिनमें राज्य सरकारें दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में नाकाम रही हों उन्हें भी आम जनता के सामने लाया जाना चाहिए।
ऐसी अटकले लग रहीं है कि राहुल गांधी यह सब दलित वोट बैंक को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कर रहे है। राजनीति का बाजार ऐसी बातों से गरम हैं क्योंकि दोनों दलों में से कोई भी आने वाला चुनाव हारना नहीं चाहता।