90 के दशक की हिट फिल्में जैसे रंगीला, दाऊद और जुदाई की स्टार उर्मिला मातोंडकर इस बार के लोकसभा चुनाव लड़ने जारी हैं। उनका कहना हैं कि वह एक स्टार के रूप में राजनीति नही कर रही हैं बल्कि उन्हें जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाएगा।
मैं अपनी स्टार छवि के साथ एक स्टार के रूप में इसे पूरा नही कर रही हूं। मैं जमीनी स्तर पर पहुचनें और लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रही हूं। मझे पता हैं कि यह मुश्किल होने वाला हैं।
मातोंडकर ने कहा कि मैं उनके प्रतिनिधि के रूप में अपने लिए विश्वास बनाना चाहती हूं, न कि दूसरे सितारे की तरह हाथ लहराते हुए वोट मांगने। क्योकि यह वह सोच नही हैं जिसके साथ में राजनीति में आई।
उर्मिला उत्तरी मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगी, जो गोविंदा की सीट हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों से मुलाकात की और कहा कि क्षेत्र के कुछ प्रमुख मुद्दे आवास, पानी की कमी और स्वच्छता हैं।
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा आवास का हैं और यह किसी के लिए भी जल्द समाधान निकालना मुश्किल हैं। झुग्गी के पुनर्विकास पर ध्यान देना आवश्यकता हैं। पानी एक और बड़ा मुद्दा हैं जिसका समाधान रात भर में संभव नही। महिलाओं के स्वास्थ्य, स्थानीय ट्रेनें।
मुंबई के इस क्षेत्र में शायद सबसे अधिक समस्याएं हैं। लोगों ने मुझे सार्वजनिक शौचालयों की आश्यकत के बारे में बताया, गोराई क्षेत्र में पानी एक और समस्या हैं। इसके अलावा, लोकल ट्रेनों की आवश्यकता हैं क्योकि यहां कि जनसंख्या अधिक हैं और यहां कोई आधारिक संरचना नही हैं।
उर्मिला भाजपा उम्मीदवार गोपल शेट्टी एक अनुभवी राजनेता के खिलाफ लड़ रही हैं, जिन्होंने उर्मिला को भोला और राजनीति में शून्य कहा था।
45 वर्षीय अभिनेत्री, जिन्होंने आखरी बार इरफ़ान खान की ब्लैकमेल में देखा गया था, उन्हें लगा कि उनके लिए समाज में कुछ करने का समय हैं।
उर्मिला के अनुसार 2019 लोकसभा चुनाव देश के लिए बहुत ही निर्णायक चुनाव होने जा रहा हैं।
उन्होंने कहा कि बचपन से ही वह सामाजिक रूप से जिम्मेदार थी और उन्होंने महिलाओं, बच्चों की शिक्षा और एडस के बारे में जागरूकता जैसे मुद्दों पर काम कर रही थी।
राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में बात करते हुए, उनका मानना हैं कि वह एक असाधारण प्रधानमंत्री होंगे।
वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसे पिछले पांच सालों में लगातार ट्रोल और अपमानित किया गया लेकिन बिना किसी रोक टोक के इस तरह के स्तर पर काम किया हैं कि विपक्ष को लगातार ट्रोल करना और गलत मुद्दों पर आलोचना करना पंसद हैं। उन्होंने कहा कि राहुल लोगों की समस्या को समझने के लिए जमीनी स्तर पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सब का परिणाम कांग्रेस का घोषणा पत्र हैं। जिसमें सब उपलब्धि उल्लेखनीय हैं।
उर्मिला ने कहा कि राहुल ने समय का सदुपयोग करते हुए पार्टी का निर्माण किया और राष्ट्र को सत्ता में आए बिना कही ओर ले गए। आगे उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती हैं तो वह इसे अच्छी तरह से वितरित करने में सक्षम होंगे।
यह तथ्य कि हमारे बोलने की स्वतंत्रता या किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता खतरा में हैं। यहां यह मुद्दा हैं कि हर कोई चाहे मीडिया हो या फिल्म उद्योग या आम आदमी इसका सामना कर रहा हैं।