Fri. Oct 18th, 2024
    राहुल गाँधी

    एक समय में जिस पार्टी का समुचे भारतवर्ष में एकछत्र राज्य था वो पार्टी आज अपने वर्चस्व को लेकर जूझ रही हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं कांग्रेस पार्टी की, चुनाव दर चुनाव कांग्रेस की हालत ख़राब होती रही हैं। उत्तर प्रदेश हो या दिल्ली हर जगह कांग्रेस के हाथ बस मायूसी लगी हैं।

    कमज़ोर कार्यकर्ताओं और आला नेताओं की लापरवाही से जूझ रही कांग्रेस को उठाने का ज़िम्मा अब स्वयं राहुल गांधी ने ले लिया हैं और इसका नतीजा गुजरात चुनावों में ही देखने को मिला जहाँ पार्टी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया पर सरकार बनाने में विफल रही।

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 में साफ कर दिया हैं कि कांग्रेस पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। इसी के चलते नए गठबंधन एवं बैठकों का दौर भी शुरू हो गया हैं। हाल ही में अन्य पार्टियों से बातचीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने आवास पर मुस्लिम नेताओं एवं संगठनों से मुलाकात की जिसमे उन्होंने आगामी चुनावों एवं पार्टी क ऐजेंडा के ऊपर बातचीत करी।

    बातचीत में अन्य पार्टियो एवं विश्वविद्यालयो के मुस्लिम नेताओं ने हिस्सा लिया था। सूत्रों से पता चला है कि राहुल गांधी ने सबको दिलासा दी हैं कि भाजपा कि तरह कांग्रेस हिन्दू मुस्लिम कि राजनीति नहीं करती और पार्टी अपने मूलभूत सिद्धान्तों पर ही चलती हैं। बातों ही बातों में उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘भाजपा फूट डालने वाली राजनीति कर रही हैं जो कि लोकतंत्र के लिए दुःख कि बात है। हमारा संविधान हमें भाईचारा सिखाता हैं ना कि भेद भाव।’

    इस चर्चा का असली मक़सद कांग्रेस कि 2019 लोक सभा चुनावों कि तैयारी को बताया जा रहा हैं। उन्होंने मुस्लिम नेताओं को आश्वासन दिया है कि कांग्रेस पार्टी सबको साथ लेकर चलेगी किसी विशेष धर्म या जात की राजनीति नहीं करेगी। अब देखना यह वाकई दिलचस्प होगा की 2019 में मुसलमानों का समर्थन किस पार्टी को मिलता हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *