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    FARUKH ABDULLA

    नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब पप्पू नहीं रहे।

    जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने करतार कॉरिडोर खोले जाने के कदम की तारीफ़ करते हुए उसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया और कहा कि पाकिस्तान को भारत के साथ अच्छे रिश्ते कायम करने के लिए आतंकवाद को छोड़ना होगा।

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी विरोधियों और भाजपा द्वारा ‘पप्पू’ की उपाधि झेलते रहे हैं। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि भारत की प्रगति के लिए राजनीति में युवा नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने राहुल गाँधी को और समय दिए जाने की वकालत की। फारुख अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की और उन्हें अपनी बहन बताया।

    अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो देश को बचाने के लिए अपना सहयोग देंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश गलत दिशा में जा रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने केंद्र में एनडीए सरकार को भी निशाने पर लिया, आरोप लगाया कि वर्तमान शासन में आरबीआई जैसी संस्थाओं को नुकसान पहुँचाया जा रहा है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि देश को धार्मिक तर्ज पर बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह गलत है कि वे जिस तरह से धर्म के आधार पर राष्ट्र को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं। मुस्लिम धर्म और उसकी प्रथाओं में हस्तक्षेप किया जा रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

    कश्मीर में अशांति के मुद्दे पर बोलते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि सेना और सीआरपीएफ घाटी की समस्या का समाधान नहीं हैं। जब तक पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार आतंकवाद नहीं रुकता तब तक द्विपक्षीय संबंधों में कोई प्रगति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकता है, तो ही संबंध बनाया जा सकता है।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की वजह से भारत में मुसलमान प्रभावित हो रहे हैं। आतंकवाद की त्रासदी झेल रहे लोग हर मुसलमान को संदेह की नज़र से देखते हैं। सभी मुसलमान आतंकवादी नहीं हैं। भारतीय मुसलमान पाकिस्तानियों का समर्थन नहीं करते हैं।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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