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    राहुल गाँधी,पार्टी अध्यक्ष

    राहुल गाँधी को कांग्रेस की कमान आखिर मिल गई। राहुल गाँधी भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले नेहरू – गाँधी परिवार के छठे व्यक्ति है। राहुल गांधी से पहले मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के हाथों में पार्टी की कमान रही है। राहुल गाँधी के अध्यक्ष बनते ही 19 साल से पार्टी अध्यक्ष रही सोनिया गाँधी इस पद से मुक्त हो गई है।

    देखा जाये तो आज से 19 साल पहले अप्रैल 1998 में जब सोनिया गाँधी ने कांग्रेस की कमान संभाली थी तब कांग्रेस की हालत बहुत ही नाजुक थी। 1991 में राजीव गाँधी की हत्या के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ ने सोनिया गाँधी से बिना कोई तर्क बितर्क किये उन्हें अध्यक्ष पद पर बैठा दिया था। लेकिन सोनिया गाँधी इस बात से सहमत नहीं हुई, सोनिया गाँधी ने कसम खाई थी कि वह राजनीति में कभी नहीं आएगी। सोनिया ने राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना के साथ खुद राजनीति से दूर रखने की कोशिश की।

    इसके बाद 1996 में नरसिम्हा राव की सरकार जाने के बाद कांग्रेस की हालत और बिगड़ने लगी। आगामी चुनाव में बीजेपी और जनता दल ने भारी बढ़त हासिल की और भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन की सरकार स्थापित की। कांग्रेस की हालत दिन-ब-दिन बुरी होती देख सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं के दबाव में 1997 में कोलकाता के प्लेनरी सेशन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद 1998 में वह कांग्रेस की स्थिति देख अध्यक्ष बनी। इस तरह से सोनिया गाँधी नेहरू परिवार की तरफ से पार्टी की पांचवी सदस्य बनी।

    अब यह देखा जा रहा है कि राहुल गाँधी के अध्यक्ष बनने के बाद भी कांग्रेस की हालत बिलकुल नाजुक है। देखा जाये तो 2004 और 2009 में सरकार स्थापित करने के बाद पार्टी 2014 में कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा, और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, गोवा, असम समेत कई सूबों में पार्टी ने अपने दम पर सरकार बनाई। जबकि एक के बाद एक कांग्रेस चुनाव हारती रही यहाँ तक यूपी निकाय चुनाव में भी कांग्रेस अपनी साख नहीं बचा पाई।

    अब ऐसे में राहुल गाँधी के अध्यक्ष बनने के बाद उनके सामने बहुत सारी चुनौतियां है। वर्त्तमान में गुजरात चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव है। अब सवाल यह है कि राहुल गाँधी अपनी माँ सोनिया गाँधी कि तरह पार्टी को आगे ले जायेंगे या नहीं।