देश की सबसे बड़ी और पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस के अगले अध्यक्ष राहुल गांधी होंगे। आपको बता दें कि आज सोनिया गांधी 19 साल तक अध्यक्ष पद पर रहने के बाद राहुल गांधी को पदभार सौंपेंगी। पद छोड़ने के बाद भी हालाँकि सोनिया इस पद पर बनी रहेंगी। आपको बता दें कि पहले भी गांधी वंश के कई सदस्य इस पद पर रह चुके हैं। राहुल गाँधी से पहले मोतीलाल नेहरू, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी अध्यक्ष पद पर स्थापित रह चुके है।
इससे पहले कांग्रेस की कमान सोनिया गाँधी के हाथ में थी, जो इस पद पर 19 साल तक विराजमान थी। लेकिन अब सोनिया गाँधी ने यह पदभार अपने बेटे राहुल गाँधी को सौप दिया है। अध्यक्ष पद पर वर्तमान में राहुल गाँधी के सामने काफी चुन्नोतियाँ हैं। आगामी गुजरात चुनाव राहुल के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा राहुल के सामने पार्टी को फिर से खड़ा करना और सत्ता में वापसी की भी चुनौती है। इतना ही नहीं राहुल गाँधी के पास सबसे बड़ी चुनौती मोदी जैसे कदावर नेता को मात देने की है।
राहुल से पहले नेहरू-गाँधी परिवार के कांग्रेस अध्यक्ष
मोतीलाल नेहरू – 1919 में बने अध्यक्ष
नेहरू गाँधी परिवार में सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी पंडित मोतीलाल नेहरू की हुई थी। मोतीलाल नेहरू को यह सौभाग्य दो बार मिला थी। पहली बार 1919 में कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन में अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद 1928 में कोलकाता अधिवेशन के दौरान उन्हें अध्यक्ष बनाया गया।
जवाहरलाल नेहरू – आठ बार रहे अध्यक्ष
मोतीलाल नेहरू के बाद भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की कमान पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथो में गई। जवाहरलाल नेहरू दूसरी पीढ़ी के शख्स थे। पंडित नेहरू विभिन्न अधिवेशन के दौरान आठ बार अध्यक्ष चुने गए। जवाहरलाल नेहरू पहली बार 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्ष बनाए गए. इसके बाद 1930, 1936, 1937, 1951,1952, 1953 और 1954 में कांग्रेस अध्यक्ष रहे।
इन्द्रा गाँधी – कांग्रेस की आयरन लेडी
जवाहरलाल के बाद उनकी पुत्री श्रीमति इन्दिरा गाँधी ने कांग्रेस की कमान अपने हाथ में ली। इस तरह से वह नेहरू-गाँधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के तौर पर अध्यक्ष रही। अपने पुरे जीवन में उन्हें चार बार अध्यक्ष चुना गया। इंदिरा गांधी पहली बार 1959 में कांग्रेस के दिल्ली के विशेष सेशन में अध्यक्ष बनी। इसके बाद दोबारा पांच साल के लिए 1978 से 83 तक दिल्ली के अधिवेशन में अध्यक्ष चुनी गई। इसके बाद 1983 और 1984 में कोलकता अधिवेशन में अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में ली।
राजीव गाँधी – युवा अध्यक्ष
राजीव गाँधी को नेहरू-गाँधी परिवार के चौथे पीढ़ी के तौर पर कांग्रेस की कमान मिली। राजीव गाँधी कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने। इन्दिरा गाँधी की आकस्मिक मौत के कारण राजीव गाँधी को अध्यक्ष बनना पड़ा। वह 1985 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। लेकिन दुर्भाग्य वश राजीव गाँधी की भी हत्या कर दी गई जिसके कारण सत्ता की बागडोर दूसरी पार्टी के हाथ में चली गई।
फिर सोनिया गाँधी ने संभाली कमान
राजीव गाँधी की हत्या के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ ने सोनिया गाँधी से बिना पूछे ही उनके अध्यक्ष बनने की घोषणा कर दी लेकिन सोनिया गाँधी ने इसे स्वीकार नहीं किया और कभी राजनीति में ना आने की कसम खाई थी। लेकिन कांग्रेस की हालत दिन प्रति दिन बिगड़ती चली गई। पार्टी की ऐसी हालत देख कर सोनिया गाँधी ने कांग्रेस नेताओं के दबाव में 1997 में कोलकाता के प्लेनरी सेशन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। इस तरह उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनी। इस तरह से सोनिया गाँधी नेहरू-गाँधी परिवार की पांचवी पीढ़ी के तौर पर सोनिया गाँधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी।
सोनिया गाँधी 1998 से लेकर मौजूदा समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष रही है। लेकिन आज से कांग्रेस की कमान उनके पुत्र राहुल गाँधी संभालेंगे, जिनके सामने चुनौतियों का पहाड़ बना है। अब देखना यह है कि राहुल गाँधी कांग्रेस को किस तरह पार पाते है।