महीनो के आरोप प्रत्यारोप के बाद लगता है अब राफेल विवाद समाप्त होने की ओर है क्योंकि अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के पास जब राफेल पर उंगली उठाने को कुछ नहीं रहा तो अब सारा फोकस उन्होंने राफेल से हटा कर एचएएल पर कर लिया है।
उनके एक एक आरोपों को पहले वित् मंत्री अरुण जेटली ने और फिर रक्षा मंत्री ने संसद में तथ्यों और सबूतों के साथ खारिज कर दिया। राफेल मुद्दा हाथ से निकलता देख अब राहुल गाँधी ने एचएएल का मुद्दा पकड़ लिया है।
कल राहुल गाँधी ने ट्विटर पर निर्मला सीतारमण पर आरोप लगाया था कि उन्होंने संसद में एचएएल को 1 लाख करोड़ का ऑर्डर देने का झूठ बोला तो सीतारमण ने ट्विटर पर ही दस्तावेजों और सबूतों के साथ राहुल गाँधी के आरोपों को झुठला दिया। आज संसद में भी सीतारमण ने जब सारे आरोपों को एक बार फिर झुठला दिया तो राहुल गाँधी ने राफेल को छोड़ एचएएल को पकड़ लिया।
राहुल गाँधी ने राफेल पर मुंह की खाने के बाद एचएएल के कर्मचारियों की सैलरी का मुद्दा उठा कर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की।
उन्होंने ट्वीट कर कहा “एचएएल के पास सैलेरी देने के लिए पैसे नहीं है क्योंकि राफेल अनिल अम्बानी के पास है। अब एचएएल के इंजिनियर अनिल अम्बानी के साथ काम करने को मजबूर होंगे क्योंकि उन्हें सैलरी चाहिए।”
That HAL doesn’t have enough cash to pay salaries, isn’t surprising.
Anil Ambani has Rafale. He now needs HAL’s brilliant talent pool to deliver on his contracts.
Without salaries, HAL’s best engineers & scientists will be forced to move to AA’s venture.#SaveHAL https://t.co/IaqgS3pyJ7
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 7, 2019
अभी तक अनिल अम्बानी को फायदा पहुँचाने के लिए राफेल की को जिम्मेदार ठहराने वाले राहुल गाँधी ने कहा अनिल अम्बानी को फायदा पहुँचाने के लिए एचएएल को बर्बाद किया मोदी सरकार ने।
उन्होंने कहा सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये द्सौल्ट को दिए राफेल बनाने के लिए लेकिन सरकार ने एचएएल के 15,700 करोड़ के बकाये को क्लियर नहीं किया।
अब सारा फोकस एचएएल पर शिफ्ट कर के राहुल गाँधी ने बड़ी चालाकी से राफेल मुद्दे से पल्ला झाड लिया।