राफेल लड़ाकू विमान पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुक्रवार को भी जारी रहा। अनिल अम्बानी की रिलायंस ग्रुप ने राहुल गाँधी के उन आरोपों पर पलटवार किया है जिसमे राहुल गाँधी ने दसॉल्ट एविएशन द्वारा अनिल अम्बानी की कंपनी में 284 करोड़ रूपये इन्वेस्ट करने का आरोप लगाया था। राहुल गाँधी ने राफेल डील को मोदी-अम्बानी पार्टनरशिप कहा था।
रिलायंस ने राहुल गाँधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से बार बार बेतुके आरोप लगाए जा रहे हैं कंपनी पर जो बर्दास्त नहीं किये जाएंगे। कंपनी ने राहुल के आरोपों को आधारहीन और झूठ का पुलिंदा बताया।
कंपनी की ओर से कहा गया कि आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए कंपनी और अनिल अम्बानी का नाम बार बार आधारहीन और झूठे आरोपों में घसीटा जा रहा है।
कंपनी की तरफ से जारी एक बयां में कहा गया कि 30,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट पाने का जो आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाया जा रहा है वो हास्यास्पद और तथ्यहीन है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राफेल डील में HAL की जगह पर रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर बनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने दवाब डाला था और इसमें करोड़ों का घोटाला हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी आरोप लगाया था कि CBI इस घोटाले की जांच करने वाली थी इसलिए मोदी ने CBI अधिकारी आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया था।
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वो 36 राफेल विमान खरीदे जाने की जानकारी एक सीलबंद लिफ़ाफ़े में 10 दिनों के भीतर कोर्ट में जमा करे जिसपर सरकार ने इससे गोपनीयता को खतरा बताते हुए इसमें असमर्थता जताई थी।