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    राहुल गाँधी कांग्रेस अध्यक्ष

    पिछले कई चुनावों में मिली हार से लगता हैं कांग्रेस ने भारी सबक लिया हैं, शायद इसलिए राहुल इस बार गुजरात को लेकर कोई गलती नहीं करना चाहते। इस चुनाव को जीतने के लिए वो कमरतोड़ मेहनत कर रहे हैं। लगातार जनसभाओं से लेकर बड़ी बड़ी रैलियां कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष बिना रुके और बिना थके कर रहे हैं।

    इस चुनाव में इंसानो के साथ-साथ मंदिरों का भी बड़ा ही महत्व हैं। देश के प्रधानमंत्री मोदी से लेकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी तक सब बड़े-बड़े राजनेता यह बात जानते हैं कि चुनाव के मौसम में दलितों से कोई अगर बड़ा हैं तो वह हैं मंदिर। यही वजह हैं कि गुजरात आने के बाद कोई भी राजनेता मंदिरों में बिना दर्शन दिए जनता से वोट मांगने नहीं जाता।

    फिलहाल इस समय राहुल अपने गुजरात मिशन के तीसरे दिवस पर हैं और मंदिरों की रड़नीति के तहत वो पाटन में वीर मेघ माया मंदिर समेत कई मंदिरों में मत्था टेकने की तैयारी में हैं। धरती पर जन्म देने वाले भगवान यानी जन्मदाता से मिलने के बाद राहुल लोकतंत्र के भगवानों यानी मतदाताओं से मिलेंगे। खबर हैं कि वो हारिज में चौपाल भी करेंगे और मेहसाणा में महिला अधिकार सभा को संबोधित करेंगे।

    वैसे राहुल के इस चुनावी दौरे का एक एक पल अपने आप में अनमोल हैं। जिस रफ़्तार से वह जगह जगह जाकर लोगों के दुख-सुख बांट रहे हैं, यकिन मानिये चुनाव के बाद भी अगर ऐसे ही घूमे तो पुरे गुजरात के दर्शन कर लेंगे।

    राहुल अपने दौरे का एक सेकंड भी जाया नहीं होने देना चाहते, यहीं कारण हैं कि गुजरात दौरे के दूसरे दिन राहुल गांधी बनासकांठा के टोटाणा में संत सादाराम बापा आश्रम गए थे। जहां उनके साथ ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकोर भी मौजूद थे। बता दे कि ये वहीं अल्पेश ठाकुर हैं जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस पार्टी का दामन थमा हैं। दोनों ठाकोर समाज के गुरु का आर्शीवाद लेने पहुंचे।

    उल्लेखनीय हैं कि ठाकोर समाज के लोगों ने ही गुजरात में शराबबंदी के लिए अभियान छेड़ा था, जिसके चलते बाद में गुजरात में शराबबंदी लागू हो पाई।