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    नेशनल हाईवे को लेकर घरेलू और विदेशी निवेश

    राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए घरेलू और विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एनएचआईपीसी यानि राष्ट्रीय राजमार्ग निवेश संवर्धन सेल का गठन किया है। एनएचआईपीसी का मुख्य लक्ष्य वैश्विक संस्थागत निवेशकों, निर्माण कंपनियों तथा डेवलर्स और फंड मैनेजर्स के जरिए राजमार्ग परियोजनाओं में निवेश की भागीदारी सुनिश्चित कराना होगा।

    ‘भारतमाला परियोजना’ के लिए निवेश

    केंद्र सरकार ने भारतमाला परियोजना के तहत कुल 35,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इसके लिए अगले 5 वर्षों तक 5,35,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। अगर निवेश की बात की जाए तो इस परियोजना को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों से विदेशी और घरेलू निवेश का होना अति आवश्यक है।

    भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत आर्थिक कोरिडोर (9,000 किलोमीटर), इंटर कॉरिडोर और फीडर रूट (6,000 किलोमीटर), राष्ट्रीय कॉरिडोर क्षमता सुधार (5,000 किलोमीटर), सीमा सड़क और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी (2,000 किलोमीटर), तटीय सड़कें और बंदरगाह कनेक्टिविटी (2,000 किलोमीटर), ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (800 किमी), बैलेंस नेशनल हाईवेज डेवलपमेंट प्रोजेक्ट वर्क्स (10,000 किलोमीटर) आदि शामिल हैं।

    भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण में तटीय सड़कों और बंदरगाहों की 2,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कार्य 2018 से शुरू कर दिया जाएगा। एनएचआईपीसी का प्राथमिक लक्ष्य सड़कों के बुनियादी ढांचे के लिए विदेशी और घरेलू निवेश को बढ़ावा देना होगा।

    एनएचआईपीसी का लक्ष्य

    एनएचआईपीसी विभिन्न संबंधित मंत्रालयों और भारत सरकार, राज्य सरकारों, एपेक्स बिजनेस चैंबर जैसे सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और इन्वेस्ट इंडिया के साथ नजदीकी समन्वय स्थापित करने काम करेगी। एनएचआईपीसी भारत में स्थित विदेशी दूतावासों और मिशनों तथा विदेश के भारतीय दूतावासों और मिशनों के साथ निकट समन्वय बनाकर निवेश के लिए काम करेगी।

    चूंकि भारतमला कार्यक्रम में 5.35 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी, ऐसे में सरकार ने विभिन्न तरीके से पैसे जुटाने की योजना बनाई है। सरकार का लक्ष्य बाजार से 2.09 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेना है। 1.06 लाख करोड़ रूपए निजी निवेश के जरिए एवं 2.19 लाख करोड़ रूपए का संग्रह सेंट्रल रोड फंड, टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर मुद्रीकरण आय और एनएचएआई के टोल राजस्व के जरिए एकत्र करना है।

    सरकार राजमार्गों के ​निर्माण एवं मुद्रीकरण के लिए पहले से ही बोली लगा रही है। पहले चरण में 9 नेशनल हाइवे के जरिए 6,000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की उम्मीद रखी गई है। जबकि 82 राष्ट्रीय राजमार्गों को निजी ऑपरेटरों को दिया जाएगा जिससे 34,000 करोड़ रुपए का निजी निवेश हो सकेगा।