केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी है। मिशन के लिए प्रारंभ में 19,744 करोड़ रुपये होगा। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय संबंधित घटकों के कार्यान्वयन के लिए योजना के मसौदा तैयार करेगा। नेशनल हाइड्रोजन मिशन का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त 2021 में किया था। इस मिशन के तहत देश में लगभग 125 GW की अक्षय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 मिलियन मीट्रिक टन की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का विकास होगा।
The National Green Hydrogen Mission, approved by the Cabinet today, will make India a global hub for production, utilisation and export of green hydrogen.#NationalGreenHydrogenMission
— R. K. Singh (@RajKSinghIndia) January 4, 2023
2030 तक 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने का लक्ष्य है और 6 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। 2030 तक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में प्रति वर्ष लगभग 50 मिलियन मीट्रिक टन की कमी होने की संभावना है।
इस मिशन से ग्रीन हाइड्रोजन की मांग, उत्पादन, उपयोग और निर्यात की सुविधा प्राप्त होगी। ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन प्रोग्राम के लिए रणनीतिक क्रियाकलाप को लेकर, मिशन के तहत दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन तंत्र- इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू निर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को लक्षित किया जाएगा।
मिशन उभरते अंतिम उपयोग वाले क्षेत्रों और उत्पादन मार्गों में पायलट परियोजनाओं का भी समर्थन करेगा। बड़े पैमाने पर उत्पादन और हाइड्रोजन के इस्तेमाल का समर्थन करने में सक्षम क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम की स्थापना का समर्थन करने के लिए एक सक्षम नीतिगत कार्यक्रम विकसित किया जाएगा। मिशन के तहत एक समन्वित कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकारों के सभी संबंधित मंत्रालय, विभाग, एजेंसियां और संस्थान मिशन के उद्देश्यों की सफल उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए केंद्रित और समन्वित कदम उठाएंगे।
ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी का सबसे साफ श्रोत है। ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी बनाने के लिए पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है। इससे प्रदूषण नहीं होता है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग होता है। इलेक्ट्रोलाइजर रिन्यूएबल एनर्जी जैसे कि सोलर, हवा का इस्तेमाल करता है। ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग ट्रांसपोर्ट, केमिकल, आयरन सहित कई जगहों पर किया जा सकता है।