मुलायम सिंह ने अपने जन्मदिवस के मोके पर विवादित बयान देकर माहौल एक बार फिर गरमा दिया है। उन्होने कहा है कि 1990 में कारसेवकों पर गोली उन्होने ही चलवाई थी जिसमे 28 लोग मारे गए थे। यहीं नहीं उन्होने यह भी कह दिया कि उस दौरान और भी लोगो पर गोली चलवानी पड़ती तब भी वो पीछे नहीं हटते।
मुलायम की माने तो उन्होने यह फैसला देश की एकता और अखंडता के लिए लिया था, तथा कारसेवकों पर गोली चलाने का उनका यह आदेश राष्ट्रीयहित में था। अपने बयान में मुलायम में कहा है कि अगर उस समय वो गोली नहीं चलवाते तो परिणाम और भी गंभीर हो जाते और मुस्लिम नौजवान हथियार उठा लेते।
मुलायम ने जन्मदिन पर अपने बेटे अखिलेश को आशीर्वाद और नसीहत दोनों दी। उन्होने कहा, अखिलेश मेरा बड़ा बेटा है और हम सबका दुलारा है। मुलायम ने कहा कि ”अखिलेश नेता बाद में है, पहले तो मेरा बेटा है। इसलिए उस पर मेरा आशीर्वाद तो हमेशा बना ही रहेगा।”
पिछले चुनाव में मिली हार की वजह पार्टी की आंतरिक कलह को बताते हुए उन्होने कहा कि सपा को आज भी मुसलमानों का पूरा समर्थन प्राप्त है, यूपी का हर मुस्लमान सिर्फ सपा को अपना मत देता है, लेकिन पिछली बार पार्टी आंतरिक कलह कि वजह से पार्टी मुसलमानों के मतों को पाने में असफल रहीं।
अपने जन्मदिन पर उन्होने पार्टी को भी कई अहम नसीहत दी। उन्होने कहा कि पार्टी को मौजूदा हालातों को देखते हुए और अधिक मेहनत करने की आवयश्कता है और अभावों से ग्रसित लोगों की मदद करने की जरूरत है।
इस दौरान वो बीजेपी पर निशाना लगाना नहीं भूले। उन्होने कहा कि 15 लाख देने का वादा करने वाली बीजेपी झूठ का सहारा लेकर सत्ता में आयी है, वादा करके न निभाना भी अपने आप में भ्रष्टाचार है। मुलायम ने कहा कि हमने दवाई और मुफ्त पढ़ाई की बात कही थी जो हमने हर हाल में पूरा किया।