राष्ट्रमंडल ने भारत सहित अन्य सदस्य देशों में घरेलू हिंसा कम करने को लेकर एक नई साझेदारी की घोषणा की है। सेक्रेटरी-जनरल पैट्रीशिया स्कॉटलैंड ने सोमवार को घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए 1,400 संबद्ध संगठनों के वैश्विक आंदोलन और 40 अंतर्राष्ट्रीय चैप्टर्स के साथ मिलकर काम करने वाले समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में हर तीन महिला में से एक महिला अपने जीवनकाल में यौन और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनती है। महिला और लड़कियों की मौत के प्रमुख कारणों में यह वजह भी शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर शर्म, कलंक, डर के कारण इन मामलों में शिकायत दर्ज नहीं कराई जाती है।
सेक्रेटरी-जनरल ने कहा, “हमें महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली शाब्दिक और शारीरिक हिंसा को ‘अब बस’ कहना होगा। इससे महिलाएं, लड़कियां, पुरुष बच्चे सभी प्रभावित होते हैं। इसका मतलब है कि हमें कमजोर व्यक्तियों का समर्थन करने, हिंसा से पीड़ित लोगों की रक्षा करने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सभी को इसमें शामिल होना और संवेदनशील बनना होगा। हमें अपने घर के प्रत्येक बच्चे के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। यह हमारी सतत विकास लक्ष्य प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का एकमात्र तरीका है।”
वहीं नो मोर की ग्लोबल एक्जीक्यूटिव निदेशक पाले जाबाल्ला ने कहा, “नो मोर, कॉमनवेल्थ के साथ साझेदार बनकर गर्व महसूस कर रहा है और 53 देशों में हिंसा को कम करने के लिए इस बेहतरीन अवसर के लिए आभारी है।”