श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना के कथित हत्या की साजिश की गुत्थी सुलझाने के लिए कोलोंबो की पुलिस ने चीन से सहायता मांगी है। अदालत से इजाजत मांगते हुए श्रीलंका की पुलिस ने कहा कि वे चाहते हैं कि चीनी स्मार्टफोन कंपनी हुआवे अपराधी के फोन के डाटा को रिकवर करने में मदद करे।
खबरों के मुताबिक भारत में केरल की निवासी एम. थॉमस ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और रक्षा मंत्री गोताबया राजपक्षे की हत्या की साजिश की योजना बनाई थी।
अपराधिक जांच विभाग के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अदालत को सूचित किया कि नमल कुमार के फोन का डाटा सबूत बन सकता है लेकिन जो उनके फोन से डिलीट कर दिया गया है। फोन के डाटा को दोबारा रिकवर करने के लिए पुलिस को हुआवे स्मार्टफोन कंपनी की तकनिकी सहायता की जरुरत है।
श्रीलंका के कानून के मुताबिक पुलिस को किसी कंपनी की मदद लेने से पूर्व अदालत से अनुमति लेनी होती है। श्रीलंका की अदालत ने इस केस में चीनी कंपनी की मदद लेने की आज्ञा प्रदान कर दी है।
केरल का निवासी एम. थॉमस को 22 सितम्बर के दिन श्रीलंका में गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रपति की हत्या की साजिश में थॉमस को कथित अपराधी बताया जा रहा है।
अदालत में पेशी के दौरान कथित अपराधी थॉमस ने कहा कि उसे सीआईडी की हिरासत में नहीं रहना है। उसने कहा सीआईडी की हिरासत में उसकी जान को खतरा है।
भारतीय नागरिक के श्रीलंका के राष्ट्रपति की हत्या की योजना में शामिल होने से दोनों राष्ट्रों के मध्य थोड़ी कटुता बढ़ी है। हाल ही में मीडिया ने खबर फैलाई कि राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने कैबिनेट मीटिंग में कहा कि भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ ने उनकी हत्या की साजिश रची है और गिरफ्तार अपराधी रॉ का ही कर्मचारी है। उन्होंने कहा था कि इस साजिश के बाबत प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी नहीं थी।
अलबत्ता इन ख़बरों को भारत और श्रीलंका ने अफवाह करार दिया था। श्रीलंका ने कहा था कि यह दोनों मित्र देशों के मध्य तल्खी पैदा करने की नाकामयाब कोशिश है। इसके जवाब में भारत के प्रधानमंत्री ने भी श्रीलंका की सरकार की सराहना की थी।