श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने देश के अगले राष्ट्रपति चुनाव में दावेदारी न पेश करने का निर्णय लिया है जिसका आयोजन 16 नवम्बर को किया जायेगा। निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, सिरिसेना का नाम उन 41 उम्मीदवारो की सूची में शामिल नहीं है।
चुनाव लड़ने के लिए सभी प्रत्याशियों को रविवार की दोपहर तक चुनावी राशि जमा करवानी थी। बीते वर्ष श्रीलंका में संवैधानिक संकट के रचियता सिरिसेना ही थे। सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमन्त्री पद से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को देश का प्रधानमन्त्री घोषित कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने सिरिसेना के कदम के खिलाफ फैसला सुनाया था और विक्रमसिंघे को दोबारा पद सौंप दिया था। ईस्टर बम धमाके में ख़ुफ़िया विभागों की रिपोर्ट्स को अनदेखी करने के आरोप भी सिरिसेना पर लगाये गए थे जिसमे 250 से अधिक लोगो की मौत हो गयी थी।
श्रीलंका के चुनावो के लिए नामांकन सोमवार को स्वीकार किये जायेंगे। रविवार को काश बांड जमा करवाने वाले 41 उम्मीदवारों में से दो प्रभावी राजपक्षीय परिवार से हैं। गोताबया राजपक्षे अपने भाई के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय के पूर्व सचिव थे।
बहरहाल, वह भ्रष्टाचार के मामले में कई अदालती मामले में संलिप्त है और उनकी श्रीलंका की नागरिकता की वैधता पर भी सरकार में असमंजस की स्थिति है।